








बीकानेर Abhayindia.com बेसिक पी.जी. महाविद्यालय द्वारा राष्ट्रीय युवा सप्ताह के अन्तर्गत ‘‘क्रोमेटोग्राफी तकनीक का दैनिक जीवन में उपयोग’’ विषय पर एक कार्यक्रम का आयोजन रखा गया। महाविद्यालय प्राचार्य डाॅ. सुरेश पुरोहित ने बताया कि आज के कार्यक्रम के मुख्य वक्ता के रूप में डाॅ. राजाराम, सहायक आचार्य, राजकीय डूँगर महाविद्यालय, बीकानेर मौजूद रहे एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष रामजी व्यास ने की।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में महाविद्यालय के रसायनविज्ञान विषय के व्याख्याता जयप्रकाश द्वारा स्वागत उद्बोधन प्रस्तुत करते हुए विषय प्रवर्तन किया गया। उनके द्वारा बताया गया कि क्रोमेटोग्राफी एक ऐसी तकनीक है जिसका उपयोग मिश्रण के उन विलेय को अलग करने के लिए किया जाता है जो एक ही विलायक में घुलनशील होते हैं। यह सोखने के सिद्धांत पर काम करता है। इसका उपयोग काली स्याही में रंगीन घटकों को अलग करने के लिए किया जाता है। क्रोमैटोग्राफी यौगिकों के पृथक्करण, शुद्धिकरण और परीक्षण की तकनीक है।
इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित करते हुए डाॅ. राजाराम ने बताया कि क्रोमैटोग्राफी का उपयोग दैनिक जीवन में किस प्रकार किया जाता है एवं यह कितने प्रकार की होती है। क्रोमैटोग्राफी अर्थात रंगों का ग्राफ जिसमें किसी भी विलय के घटकों को अलग-अलग करने का तकनीकी अध्ययन किया जाता है। डाॅ. राजाराम ने अपने उद्बोधन के दौरान क्रोमेटोग्राफी के विभिन्न प्रकारों के बारे में विस्तार से बताते हुए यह भी बताया कि किस तरह उनकी स्लाइड को बनाकर अध्ययन किया जाता है। इसके साथ-साथ क्रोमैटोग्राफी के उपयोग का मानविक उपयोग एवं रिसर्च सेंटर में भविष्यगामी उपयोगिता जैसे ड्रग्स के एनालिसिस फॉरेंसिक लैब आदि में फ्यूचर स्कोप पर भी चर्चा की।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष रामजी व्यास ने अपने उद्बोधन के दौरान विद्यार्थियों को अपने जीवन में लक्ष्य निर्धारण करने एवं लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया। व्यास ने विद्यार्थियों को बताया कि ईश्वर द्वारा सभी मनुष्यों को सीमित समय एवं सीमित ऊर्जा दी गई है। हमें इनका सकारात्मक रूप से उपयोग करते हुए अपने लक्ष्यों को पूरा करना चाहिए। कार्यक्रम के अन्त में महाविद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष रामजी व्यास एवं रसायनविज्ञान विभाग के व्याख्यातागणों द्वारा मुख्य वक्ता डाॅ. राजाराम को शाॅल एवं प्रतीक चिह्न भेंट कर आभार प्रकट किया गया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में महाविद्यालय स्टाफ सदस्य डाॅ. मुकेश ओझा, डाॅ. रोशनी शर्मा, वासुदेव पंवार, सौरभ महात्मा, सुश्री श्वेता पुरोहित, प्रियंका देवड़ा, अर्चना व्यास, अजय स्वामी, जयप्रकाश, हिमांशु व्यास, गणेश दास व्यास, सुश्री जयन्ती व्यास, डाॅ. नमामिशंकर आचार्य, हितेश पुरोहित, प्रभा बिस्सा, पंकज पाण्डे, राजीव पुरोहित का उल्लेखनीय योगदान रहा।





