





मुरलीधर व्यास कॉलोनी में स्थित श्रीवीर हनुमान मंदिर में शृंगारित हनुमान प्रतिमा। फोटो : सुदीपा बोड़ा


बीकानेर (अभय इंडिया न्यूज)। शहरभर में शनिवार को हनुमान जयंती की धूम है। मंदिरों में दर्शनों के लिए तड़के ही श्रद्धालुओं की कतारें लग गई। भक्तों ने भगवान की पूजा कर आशीर्वाद लिया। इस पावन पर्व पर शहर ही नहीं, बल्कि गांवों और कस्बों में भी स्थित हनुमान मंदिरों को सजाया गया है और जन्मोत्सव को लेकर विशेष आयोजन किए जा रहे हैं। श्रीपूनरासर हनुमान मंदिर में विशेष आरती की गई। इस अवसर पर बीकानेर सहित आसपास क्षेत्रों के श्रद्धालु बड़ी संख्या में दर्शनों के पहुंचे। निकटवर्ती सूडसर गांव में भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रह।
बीकानेर शहर से सटते श्रीबजरंग धोरा में विशेष आयोजन हुए। सुबह से देर रात तक श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला लगा रहा। सुरक्षा के लिहाज से भी पुलिस के पुख्ता बंदोबस्त किए गए। इसी तरह रतनबिहारी पार्क के सामने स्थित श्रीबड़ा हनुमान जी मंदिर, पंचमुखा हनुमानजी मंदिर रानीबाजार, बागीनाड़ा, सार्दुलगंज स्थित श्रीग्रेजुएट बालाजी मंदिर, मोहता चौक स्थित हनुमान मंदिरों सहित जयनारायण व्यास कॉलोनी, गंगाशहर, भीनासर, मुरलीधर व्यास कॉलोनी स्थित वीर हनुमान मंदिरों में विशेष सजावट, सुंदरकांड पाठ के आयोजन हुए। शास्त्रीनगर स्थित श्रीवीर हनुमान वाटिका में विशेष सजावट की गई तथा भक्ति संध्या का आयोजन रखा गया। इसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए।
इसलिए मनाई जाती हैं हनुमान जयंती
भक्ति और शक्ति के आदर्श वीर हनुमान भगवान राम के परम भक्त थे। माता अंजनि के पुत्र हनुमान को पवनपुत्र भी कहा जाता है। धर्म शास्त्रों के अनुसार चैत्र मास की पूर्णिमा के दिन भगवान हनुमान का जन्म हुआ था। इस पर्व को हनुमान जयंती के रूप में पूरे देश में मनाया जाता है। रामायण के अनुसार वे जानकी के अत्यधिक प्रिय हैं। इस धरा पर जिन सात मनीषियों को अमरत्व का वरदान प्राप्त है, उनमें बजरंग बली भी हैं। हनुमानजी का अवतार भगवान राम की सहायता के लिए हुआ। हनुमानजी के पराक्रम की असंख्य गाथाएं प्रचलित हैं
भगवान शिव के ग्यारहवें अवतार थे हनुमान
हनुमान भक्तों के लिए कहा जाता है कि इस दिन हनुमान जी की पूजा करने से उनकी विशेष कृपा बरसती है। इस पर्व को दुनिया भर में हनुमान भक्तों द्वारा धूमधाम से मनाया जाता है। हनुमान जी को भगवान शिव के 11वें अवतार के रुप में भी जाना जाता है।





