




जयपुर Abhayindia.com विधायकों, सांसद और स्थानीय निकायों के जनप्रतिनिधियों की ओर से जारी होने वाले लेटर पर अब सरकार ने कर्मचारी– अधिकारियों की जवाबदेही तय करने की तैयारी कर ली है। सरकारी अधिकारी और कर्मचारी अब टालमटोल और अनदेखी नहीं कर पाएंगे। आपको बता दें कि जनप्रतिनिधि की ओर से जारी लेटर पर पर कितना काम हुआ या काम नहीं हुआ इसकी इसकी मॉनिटरिंग की जाएगी। इसके लिए सरकार ने पब्लिक रिप्रेजेंटेटिव लेटेस्ट असेसमेंट पोर्टल (पीआरएलए) लॉन्च करने जा रही है। बताया जा रहा है कि कुछ सुझावों को इसमें शामिल करने के बाद जल्द ही पोर्टल लांच कर दिया जाएगा, जिसके बाद जनप्रतिनिधियों की ओर से जारी होने वाले पत्रों पर अधिकारी–कर्मचारियों की जवाबदेही तय हो जाएगी।
आपको बता दें कि अक्सर यह देखने में आता है कि आमजन या कोई भी अगर विधायक–सांसद या स्थानीय जनप्रतिनिधियों के पास अपनी कोई समस्या लेकर जाता है तो जनप्रतिनिधि संबंधित विभाग को लेटर जारी करके संबंधित व्यक्ति का काम करने के निर्देश देते हैं लेकिन कई बार ऐसा सामने आया है कि जनप्रतिनिधियों के लेटर को प्रशासन में कोई तवज्जो नहीं मिलती। अपने लेटर को तवज्जो नहीं मिलने की कई बार विधायकों, सांसदों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को शिकायत भी की है, जिसके बाद सरकार ने जनप्रतिनिधियों के पत्रों पर जवाबदेही तय करने के लिए पोर्टल लॉन्च करने के निर्देश प्रशासनिक सुधार विभाग को दिए थे और प्रशासनिक सुधार विभाग ने इस पर काम करना शुरू कर दिया है। इस पोर्टल पर संबंधित अधिकारी और कर्मचारी जनप्रतिनिधि के पत्रों पर की गई रिपोर्ट को डाउनलोड कर सकेंगे। साथ ही पत्रों के निस्तारण की जानकारी इस पोर्टल पर अपलोड करनी होगी और 7 दिन में कार्रवाई नहीं होने पर रिमाइंडर करवाया जाएगा।
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