








बीकानेरAbhayindia.com नौ दिन चले शारदीय नवरात्रा में जहां देवी मंदिरों में विशेष पूजन के अनुष्ठान हुए। वहीं शुक्रवार को विजय दशमी पर दुर्गा पूजा महोत्सव की पूर्णाहुति हुई। शहर में कई स्थानों पर विराजमान देवी प्रतिमाओं की विधिविधान के साथ पूजा-अर्चना की गई। इसके बाद गाजे-बाजे के साथ दुर्गा माता की प्रतिमाओं का तालाबों में विसर्जन किया गया।
महिलाओं ने भरा सिन्दुर…

बंगाल की परम्परा गुरुवार को रानी बाजार स्थित बंगाली समाज संस्थान के मंदिर में साकार हो उठी। जहां पर बंगाली समाज की महिलाओं ने अपनी परम्परा के अनुसार देवी प्रतिमा के आगे सिन्दुर खेला की रस्म निभाई। सुहागिनों ने दुर्गा माता की प्रतिमा के आगे शृंगार सामग्री, प्रसाद व सिन्दुर चढ़ाया और फिर उसी सिन्दुर से महिलाओं ने एक दूसरे की मांग भरी। संस्थान की कोषाध्यक्ष रिंकू मुखर्जी ने बताया कि मान्यता ऐसी है कि इसी सिन्दुर से अब एक साल तक महिलाएं अपनी मांग भरेगी। साथ ही परिवार में सुख-समृद्धि की कामना की। इस मौके पर बड़ी संख्या में बंगाली समाज के परिवार एकत्रित हुए। सिन्दुर खेला की रस्म के दौरान प्रियंका गोस्वामी ,संध्या मुखर्जी, तृप्ति, चैताली, अेली घोषाल सहित बड़ी संख्या में महिलाओं ने भागीदारी निभाई।
विदाई में नम हुई आंखें…
बंगाली मंदिर से शाम चार बजे देवी प्रतिमा को गाजे-बाजे के साथ विदाई के लिए रवाना किया गया। प्रतिमा का विसर्जन देवीकुंड सागर में किया गया। इस दौरान श्रद्धालुओं की आंखें नम हो गई। सभी माता से अगले साल फिर से आने की अरदास की। इस दौरान पलव मुखर्जी, संदीप शाह, सुजॉय आश, भानु बनर्जी, राजेश पाडुई, विश्वजीत घोषाल, बबलू कुमर पुरकैत, समीर कांति पाल सहित समाज के गणमान्य लोग शामिल हुए।
भीतरी परकोटे में रत्ताणी व्यास चौक में देरासरी परिवार की ओर से पूजा का आयोजन किया गया था, गुरुवार को देवी प्रतिमा का विसर्जन किया गया। अभिषेक देरासरी ने बताया कि इससे पूर्व सिन्दुर खेला की परम्परा निभाई। वहीं मोहता चौक, लखोटिया चौक, नत्थूसर गेट के अंदर विराजमान प्रतिमाओं का तालाबों में विसर्जन किया गया।






