Monday, April 21, 2025
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बीकानेर : सबल स्त्री सफल राष्ट्र को जन्म देती है : डॉ. गौरव बिस्सा

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बीकानेर abhayindia.com बेसिक पी.जी. महाविद्यालय द्वारा प्रति सप्ताह आयोजित होने वाले ‘‘एक्सपर्ट आउटलुक’’ वर्चुअल कार्यक्रम के अन्तर्गत आज डॉ. गौरव बिस्सा, एसोसिएट प्रोफेसर मैनेजमेंट विभाग, इंजीनियरिंग कॉलेज, बीकानेर द्वारा ‘‘महिला सशक्तिकरण’’ विषय पर विद्यार्थियों को संबोधित किया गया। डॉ. बिस्सा ने विद्यार्थियों को बताया कि आज के आधुनिक समय में महिला सशक्तिकरण एक विशेष चर्चा का विषय है।

हमारे आदि-ग्रंथों में नारी के महत्त्व को मानते हुए यहाँ तक बताया गया है कि ‘‘यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता’’ अर्थात जहाँ नारी की पूजा होती है, वहाँ देवता निवास करते है लेकिन विडम्बना तो देखिए नारी में इतनी शक्ति होने के बावजूद भी उसके सशक्तिकरण की अत्यंत आवश्यकता महसूस हो रही है। भारत में, महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए सबसे पहले समाज में उनके अधिकारों और मूल्यों को मारने वाली उन सभी राक्षसी सोच को मारना जरुरी है, जैसे – दहेज प्रथा, अशिक्षा, यौन हिंसा, असमानता, भ्रूण हत्या, महिलाओं के प्रति घरेलू हिंसा, वैश्यावृति, मानव तस्करी और ऐसे ही दूसरे विषय। अपने देश में उच्च स्तर की लैंगिक असमानता है। जहाँ महिलाएँ अपने परिवार के साथ ही बाहरी समाज के भी बुरे बर्ताव से पीड़ित है।

भारत में अनपढ़ो की संख्या में महिलाएँ सबसे अव्वल है। डॉ. बिस्सा ने बताया कि महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण का अर्थ उनके आर्थिक फैसलों, आय, संपत्ति और दूसरे वस्तुओं की उपलब्धता से है, इन सुविधाओं को पाकर ही वह अपने सामाजिक स्तर को ऊँचा कर सकती हैं। राष्ट्र के विकास में महिलाओं का महत्त्व और अधिकार के बारे में समाज में जागरुकता लाने के लिये मातृ दिवस, अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस आदि जैसे कई सारे कार्यक्रम सरकार द्वारा चलाए जा रहे हैं। नारी सशक्तिकरण का असली अर्थ तब समझ में आयेगा जब भारत में उन्हें अच्छी शिक्षा दी जाएगी और उन्हें इस काबिल बनाया जाएगा कि वो हर क्षेत्र में स्वतंत्र होकर फैसले कर सकें। महिलाएँ अब हर क्षेत्र में आगे आने लगी हैं। आज की नारी अब जाग्रत और सक्रीय हो चुकी है।

किसी ने बहुत अच्छी बात कही है “नारी जब अपने ऊपर थोपी हुई बेड़ियों एवं कड़ियों को तोड़ने लगेगी, तो विश्व की कोई शक्ति उसे नहीं रोक पाएगी।” वर्तमान में नारी ने रुढ़िवादी बेड़ियों को तोड़ना शुरू कर दिया है। यह एक सुखद संकेत है। लोगों की सोच बदल रही है, फिर भी इस दिशा में और भी प्रयास करने की आवश्यकता है। डॉ. बिस्सा ने अपने संबोधन के अन्त में सभी विद्यार्थियों को उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर महाविद्यालय परिवार की ओर से डॉ. गौरव बिस्सा को धन्यवाद एवं आभार प्रकट किया गया।

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