







बीकानेर Abhayindia.com कोरोना संकट के चलते जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित है। आर्थिक मार हर किसी को झेलने पड़ रही है।
लॉकडाउन की स्थिति में सभी उद्योग-धंधे ठप हो गए थे, आमजन, जरुतमंद लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया था। उस स्थिति जागरुक नागरिकों ने सेवा के लिए हाथ बढ़ाया था। सेवादारों की सक्रियता ना केवल बीकानेर में रही, बल्कि इंसानियत के नाते हर शहर में लोगों ने भागीदारी निभाई। ऐसा ही सेवा का जज्बा कोलकाता प्रवासियों में भी देखने को मिला।
हाल ही में बीकानेर आए कोलकाता प्रवासियों ने “अभय इंडिया” के साथ बातचीत में बताया कि सेवादारों की सक्रियता ही थी, जरुतमंदों को दो जून की रोटी मिल सकी।
बस इंसानियत रहे कायम: भूतड़ा
अपनी निजी यात्रा पर हाल ही में बीकानेर आए कोलकाता प्रवासी समाज सेवी नारायण भूतड़ा ने अभय इंडिया से बातचीत में कहा कि कोरोना संकट हो, या अन्य कोई विपदा आए, बस लोगों को इंसानियत दिखानी जरूरी है। यह भाव हर किसी के मन में रहेगा, तो कोई भी इंसान तकलीफ नहीं पाएगा। फिर बुजुर्गों से यही सीख मिली है कि परहित में अपना हित है।
दिखाई है सक्रियता: मूंधड़ा
कोरोना संकट अभी भी चल रहा है, लेकिन जो लॉकडाउन था, उस दौर में कोलकाता में भी सेवादारों ने बढ़-चढ़कर भागीदारी निभाई। जरुतमंदों घरों तक भोजन, राशन पहुंंंचाया, तो बीकानेर में भी लोग सामाजिक सेवा में सदैव आगे रहते हैं, यहां भी वर्तमान समय में सेवादारों की सक्रियता, सजगता की जरुरत है।
मखौल में नहीं लें: व्यास
प्रवासी कोलकाता एनडी व्यास के अनुसार देश इन दिनों कोरोना संकटकाल से गुजर रहा है। सरकार अपने स्तर पर जो भी प्रयास कर रही है, लोगों को जागरुक भी किया जा रहा है। ऐसे में लोगों से आग्रह है कि वे सरकारी निर्देशों या किसी अन्य बात को मखौल में नहीं लें। नियमों की पालना करें, फिर बात मास्क लगाने की हो, सामाजिक दूरी बरतने की हो, या अन्य किसी भी निर्देशों हो। उनका पालन करे, सजग रहे, सतर्क और सुरिक्षत रहें।



