








बीकानेरAbhayindia.com राज्य सरकार सरकारी कर्मचारियों के वेतन में कटौती करने की घोषणा की है, वहीं दूसरी ओर शिक्षक संगठनों सहित कार्मिकों में इस कटौती को लेकर आक्रोश है।
राजस्थान शिक्षक संघ भगत सिंह के पदाधिकारियों ने रोष जताते हुए कहा है कि सरकार कोविड-19 के बहाने कर्मचारियों के वेतन में कटौती करने की मंशा रखती है, जो अनुचित है। संगठन के जिला अध्यक्ष अनिल जोशी, किशोर पुरोहित सहित पदाधिकारियों ने इस संबंध में एक ज्ञापन मुख्यमंत्री को भेजा है। इसके जरिए बताया है कि मार्च में ही 60 प्रतिशत, 50 प्रतिशत व 30 प्रतिशत वेतन कर्मचारियों का स्थगित किया जो आज तक नहीं मिला।
साथ ही राज्य के कर्मचारी पद अनुसार 5,3,2, 1 दिन का वेतन कोविड-19 राहत कोष में जमा करवा चुके हैं, ऐसी स्थिति में सरकार को कर्मचारियों का वेतन काटने का निर्णय वापस लेना चाहिए। राज्य के समस्त कर्मचारियों ने कोविड-19 को लेकर शुरुआती सर्वे से आज तक सभी स्तर के कार्य किए हैं, कोविड-19 ड्यूटी करने के बाद भी शिक्षकों के वेतन में कटौती करना उचित नहीं है, जबकि शिक्षकों ने 17 मई से 23 जून ग्रीष्मावकाश में भी कोविड-19 की ड्यूटी की, आरएसआर 92बी के तहत ग्रीष्म अवकाश में कार्य के बदले उपार्जित अवकाश मिलता है कई बार आग्रह के बाद भी शिक्षा विभाग ने उपार्जित अवकाश के आदेश नहीं किए गए।
कोविड-19 के तहत निजी विद्यालय के शिक्षक भी अपने-अपने स्तर पर कार्य कर रहे हैं साथ ही विद्यार्थियों को ऑनलाइन अध्ययन भी करवा रहे हैं, राज्य सरकार को इनके लिए भी कुछ निर्णय लेना चाहिए। संगठन के पदाधिकारियों ने चेतावनी दी है कि वेतन कटौती का निर्णय वापस नहीं लिया तो प्रदेशभर में शिक्षकों का आंदोलन होगा।





