








बीकानेर Abhayindia.com वेटरनरी विश्वविद्यालय के पीजीआईवीईआर जयपुर में वेटरनरी इंटरनल एवं प्रिवेटिव मेडिसिन सोसाइटी एवं इंटास एनिमल हैल्थ के संयुक्त तत्वावधान में गुरूवार को डेयरी पशुओं में महत्ती उपापचयी रोगों पर राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया।
इसमें वेटरनरी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विष्णु शर्मा ने कहा कि कोविड-19 के दौर में लोगों में अच्छे स्वास्थ्य और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले खाद्य उत्पादों की मांग है। इसमें पशुचिकित्सकों की अहम भूमिका है। डेयरी पशुओं में उपापचयी रोगों के निवारण के लिए क्लिनिकल उपचार के साथ-साथ पोषण संबंधी जरूरतों को भी पूरा करना होगा। ऐसी वैज्ञानिक वेबिनार में तैयार सिफारिशें नीति निर्धारण में महत्वपूर्ण सिद्ध हो सकती है।
वेबिनार के मुख्य वक्ता महाराष्ट्र एनीमल एवं फिशरीज साईंस यूनिवर्सिटी, नागपुर के निदेशक (अनुदेशन) एवं पूर्व डीन संकाय प्रो. ए. समद ने कहा कि डेयरी पशुओं में होने वाली उपापचयी रोग किटोसिस, हीमोग्लोबिन्यूरिया, हाइपोफास्पोटिमिया होने के कारणों एवं बचाव के बारे में विस्तृत जानकारी दी और कहा कि उपापचयी रोगों की रोकथाम में पशुपोषण का विशेष योगदान है।
वेबिनार की अध्यक्ष एवं पीजीआईवीईआर जयपुर की अधिष्ठाता प्रो. संजीता शर्मा ने वेबिनार के विषय को सामयिक बताते हुए उसके महत्व को रेखांकित किया। आयोजन सचिव डॉ. रश्मि सिंह ने सभी का आभार जताया।





