बीकानेर Abhayindia.com शिव-शिव रटे संकट कटे, दुशमन हटे घबराएं…सावन का महिना भगवान शंकर की पूजा-अराधना के लिए खास महत्व रखता है। लेकिन इस बार कोरोना का साया सावन माह में बीकानेर पर भारी पड़ा।
यूं तो देशभर में सावन माह में भगवान शिव की आराधना, पूजा-भक्ति होती है, लेकिन बीकानेर में यह माह कुछ खास होता है। कोरोना के संकट से लोगों को उबारने के लिए इस बार आस्थावान श्रद्धालुओं, वेदपाठी पंडितों ने घरों में रहकर ही पार्थिव शिवलिंग निर्माण के अनुष्ठान किए, इनकी पूर्णाहुति रक्षाबंधन (तीन अगस्त) के दिन होगी।
महादेव ने धरे अलग-अलग स्वरूप…
पार्थिव शिवलिंग निर्माण का अनुष्ठान कर रहे वेदपाठी ब्राह्मणों ने सावन माह में भगवान शिव के अलग-अलग स्वरूप तैयार कर उनका अभिषेक पूजन किया। कहीं महाकाल का रूप, तो कही अद्र्ध नारीश्वर, कहीं भगवान जगन्नाथजी का स्वरूप पार्थिव शिविलिंग से दिया गया।
यहां हुए अनुष्ठान
जैसलमेरिया व्यासों की तलाई परिसर में विश्व कल्याण के उद्देश्य से चले पंडित श्रवण महाराज(संतश्री) के सान्निध्य में चल रहे पार्थिव श्विलिंग निर्माण से शनिवार को भगवान शंकर के अद्र्ध नारीश्वर स्वरूप को साकार किया गया। इस मौके पर पंडित गोवर्धन महाराज, पुरुषोत्तम जोशी, विजय शंकर, नवरतन व्यास, पवन मारु, अनंत किराड़ू, गिरधर पुरोहित सहित वेदपाठी ब्राह्मणों ने पूजन अभिषेक किया।
महाकाल का स्वरूप…
भारतीय लघु पंचाग परिवार की ओर से डागा चौक में पंडित अशोक बिस्सा के सान्निध्य में चल रहे पार्थिव शिवलिंग निर्माण के दौरान शनिवार को भगवान शिव के महाकाल स्वरूप का पूजन किया गया। पंडित ओमप्रकाश, शिवोम व्यास, श्याम चूरा सहित पंडितों ने रुद्राभिषेक, जलाभिषेक कर भगवान शंकर की आरती की। पंडित अशोक बिस्सा के अनुसार अनुष्ठान की पूर्णाहुति रक्षाबंधन के दिन होगी।
वहीं किराड़ूओं की बागेची में पंडित मनोज व्यास, अनंत महाराज के सान्निध्य में चल रहे अनुष्ठान में शनिवार को शिविलिंग को राधा-कृष्ण की जुगल जोड़ी का स्वरूप दिया गया।