







बीकानेरabhayindia.com जिला कलक्टर नमित मेहता ने बुधवार को सूरसागर का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि बरसात का पानी सूरसागर में नहीं पहुंचे और इस क्षेत्र में पानी भराव ना हो इसके लिए उन्होंने इस क्षेत्र से गुजरने वाले नालों के बारे में नक्शे के माध्यम से तकनीकी जानकारी ली। मेहता नगर विकास न्यास के सचिव मेघराज सिंह मीना सहित न्यास के अभियंताओं के साथ सूरसागर पहुंचे और निचले क्षेत्र में जलभराव के बाद पानी की निकासी के बारे में जानकारी ली।
यह हो व्यवस्था
उन्होंने कहा कि सूरसागर में बरसात का पानी न जाए और यह पानी बाहर से ही निकल जाएं ऐसी व्यवस्था की जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि नगर निगम के पीछे के नाला है,उसका पानी तीर्थ स्तम्भ पास आरयूआईडीपी के बने नाले के में पंप के माध्यम से लिफ्ट कर इसे शहर से बाहर निकालने के लिए अमलीजामा पहनाए। इस दौरान नगर विकास न्यास, नगर निगम और आरयूआईडीपी के अभियंताओं ने पानी निकासी की नई व्यवस्था के तहत यह सुझाव दिया है कि सूरसागर के पास जो चेंबर बने हुए हैं, इन चेंबर के माध्यम से पानी को आगे लिफ्ट किया जा सकता है और यह पानी सूरसागर के पास पानी के बने एस्केप चैनल में डालकर पानी की निकासी की जा सकती है।
चैम्बरों की नियमित हो सफाई
जिला कलक्टर ने मौके पर ही निगम के अधिकारियों को निर्देश दिए कि सूरसागर के पास जितने भी नाले हैं उनके चेंबर खोलकर नियमित रूप से सफाई करवाई जाए व सफाई के कार्य की मॉनिटरिंग के लिए अधिकारी की ड्यूटी लगाई जाए, जो इसकी मॉनिटर करता रहे और आने वाली समस्या का समाधान कर सकें।
पम्प से जाएगा पानी
वर्तमान में नालों के माध्यम से पानी बाहर जाता है उन स्थानों पर अतिरिक्त मोटर पम्प और पाइप लगाकर पानी की निकासी की जाएगी। इनमें सूरसागर के तिराहे से 270 मीटर बड़े पाइप के माध्यम व नगर निगम के पीछे 150 मीटर पाइप से लिफ्ट कर पानी को एस्केप चैनल में डाला जायेगा। यह व्यवस्था हो जाने बाद ओवरफ्लो पानी सूरसागर में नहीं पहुंचेगा।
पैसों का हो बेहतर उपयोग
न्यास अध्यक्ष एवं जिला कलक्टर ने कहा कि सूरसागर में पानी ना आए इसके लिए रिसोर्सेज और पैसे की कमी भी आड़े नहीं आएगी।जिला कलक्टर ने कहा कि फड़ बाजार और कोटगेट से सूरसागर की तरफ पानी आता है वह पानी सूरसागर मे न पहुंचे,इसके स्थाई समाधान के लिए डायवर्जन चैनल नवीन तकनीकी प्रस्ताव बनाकर शीघ्र प्रस्तुत करें ताकि उस पर भी कार्य किया जा सके। वल्लभ गार्डन में जो पानी वर्तमान में है इसे डाइवर्ट कर अन्यत्र निकाला जाए वर्तमान में एकत्रित पानी को उसके पास में खाली जमीन है, वहां निकाल दिया जाए खुली जमीन पर पानी डालते वक्त इस बात का भी ध्यान रखा जाए कि अगर कोई आसपास बस्ती हो अथवा लोग रहते हो तो पानी को उधर ना डालें।
उन्होंने कहा कि अगले 10-15 दिन में मानसून के दौरान तेज बारिश आए तो वल्लभ गार्डन पूरी तरह से खाली होने की स्थिति में,जो पानी सूरसागर और नगर निगम के पास से पंप कर यहां तक आएगा वह आसानी से पहुंच सकेगा।
निरीक्षण के दौरान निगम आयुक्त एवं न्यास सचिव मेघराज सिंह मीना, यूआईटी अधीक्षण अभियंता संजय माथुर, अधिशाषी अभियन्ता भंवरू खां, अधीक्षण अभियन्ता नगर निगम ललित कुमार ओझा, अशोक व्यास सहित अन्य अभियंता मौजूद थे।
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