








बीकानेर abhayindia.com हर्षों के चौक (ढलान) में शनिवार को हुई पानी की “अनूठी जंग“ से भी प्रेम का संदेश दिया गया। सौहार्द की इस जंग में चमड़े से बनी डोलची में पानी भरकर एक दूसरे की पीठ पर वार किया गया। पानी की मार से पीठ भी लाल हुई, लेकिन किसी के चेहरे पर शिकन की बजाय हंसी ही थी। अवसर था परकोटे में हर्ष व व्यास जाति के डोलची मार पारम्परिक खेल का, जहां दोनों जातियों ने प्रेम और सौहार्द के प्रतीक स्वरूप डोलची मार पानी का खेल खेला।
इस खेल में पीठ पर पानी की मार पडऩे के बाद भी हर कोई दोबारा मार खाने को आतुर दिखा। दोपहर दो बजे शुरू हुआ डोलची मार खेल अपरान्ह चार बजे तक चला। इस जंग का साक्षी बनने के लिए सैकड़ों लोग पहुंचे। खेल में लालाणी-कीकाणी व्यास व हर्ष जाति के लोगों के साथ पुष्करणा समाज की कुछ अन्य जातियों के लोग भी शामिल हुए। इसमें बड़े, बुजुर्ग व बच्चों ने भी भाग लिया। खेल की समाप्ति पर गुलाल उड़ाई गई।





