








बीकानेर abhayindia.com सर्दी बढऩे के साथ ही बीकानेर के गजक एवं पापड़ी कारोबार में रौनक नजर आने लगी है। शहर के अलग अलग इलाकों में गजक, पापड़ी, रेवड़ी, मूंगफली, खजूर की दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ जुटने लगी है। पारे में आई गिरावट से गजक कारोबारियों के काम करने की अवधि में दो गुनी बढ़ोतरी हो गई है।
कारोबारियों का कहना है जैसे-जैसे पारा माइनस होता जाता है उनका कारोबार प्लस में जाता है। सर्दी पिछले 2-3 साल से मकर सक्रांति के बाद तक रहने लगी है, इसलिए कारोबार भी लम्बा चलने लगा है। बढ़ती ठंड से बचाव के मद्देनजर तिल, गुड़ व मूंगफली जैसे गर्म तासीर वाले फूड की खपत में भी बढ़ोतरी होती जाती है। वहीं बीकानेर के कारीगर अपने खास फॉर्मूले से इन रॉ मैटिरियल के संतुलित मिश्रण से गजक पापड़ी का उत्पादन कर उसके जायके को इतना बढ़ा देते हैं कि खाने वाला अपने को रोक नहीं पाता। यही वजह है कि बीकानेर की पापड़ी व गजक बीकानेर और राजस्थान से बाहर अपनी पहचान बनाने में सफल रही है।
बाजार में करीब एक सप्ताह पहले जहां मूंगफली और तिल की लिमिटेड रेंज ही चल रही थी, वहीं अब मूंगफली में 9 से 10 तथा तिल में 12 से 15 वैरायटी दुकानों पर उपलब्ध हो रही है। कारोबारियों के अनुसार बीकानेर में करीब एक दर्जन गजक पापड़ी के निर्माता है। इतनी ही रिटेल की स्थाई दुकानें हैं। वहीं 100 के करीब अस्थाई दुकानें संचालित हो रही हैं। बताया जा रहा है कि दीपावली से मकर संक्रांति तक सीजन पीक पर रहता है।





