दिल्ली abhayindia.com सुप्रीम कोर्ट द्वारा शनिवार को राम मंदिर निर्माण का फैसला दिए जाने के बाद अब सबका एक ही सवाल हैं कि मंदिर निर्माण पूरा कब हो जाएगा? आपको बता दें कि मंदिर का मॉडल गुजरात के आर्किटेक्ट चंद्रकांत भाई सोमपुरा से विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने 30 साल पहले बनवाया था।
चंद्रकांत ने मीडिया को बातचीत में बताया कि मंदिर निर्माण के लिए 50 प्रतिशत काम पूरा हो गया है, यदि 2000 कारीगर रोजाना 10-10 घंटे काम करेंगे तो करीब ढाई साल में मंदिर निर्माण का काम पूरा कर लिया जाएगा।
ध्यान में रहे कि चंद्रकांत भाई सोमपुरा के दादा ने गुजरात में सोमनाथ मंदिर का निर्माण किया था। सोमपुरा परिवार पीढ़ियों से मंदिर निर्माण के काम में ही लगा हुआ है।
चंद्रकांत के अनुसार, हमारा काम देखने के बाद ही 30 साल पहले विश्व हिन्दू परिषद ने हमसे संपर्क किया था। अशोक सिंघल ने हमसे मंदिर का मॉडल बनाने को कहा था। उसी वक्त मंदिर के मॉडल और पत्थर तराशने का काम शुरू हुआ था। मंदिर का डिजाइन तैयार करने में करीब छह माह लग गए। हमने छह बार अलग-अलग डिजाइन तैयार किए। इसके बाद सिंघल और उनकी टीम को नागर शैली से बना डिजाइन पसंद आया।
अष्टकोणीय होगा गर्भगृह
चंद्रकांत के अनुसार, भारत में मंदिर तीन शैलियों में ही बनते हैं। नागर, द्रविड़ और बैसर शैली। राम मंदिर नागर शैली में बनाया जाएगा। यह उत्तर भारत में प्रचलित है। इस शैली के मंदिरों की विशेषता है कि यह आधार से शिखर तक चतुष्कोणीय होते हैं। राममंदिर का डिजाइन बेहद खास है। इसकी परिक्रमा वृत्ताकार होगी, जबकि गर्भगृह अष्टकोणीय होगा। दो मंजिला मंदिर में भू-तल पर मंदिर और ऊपरी मंजिल पर राम-दरबार होगा। इसके खंबों पर देवी-देवताओं की आकृतियां उकेरी जाएंगी। गुंबद का काम अभी पूरा नहीं हुआ है, इसमें समय लगेगा।
नहीं लगेगा लोहा
चंद्रकांत के अनुसार, राम मंदिर में लोहा नहीं इस्तेमाल किया जाएगा। निर्माण में करीब 100 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। मंदिर की चौड़ाई 150 फीट, लंबाई 270 फीट और गुंबद तक की ऊंचाई 270 फीट होगी। उन्होंने कहा कि हमने लंदन (ब्रिटेन) में स्वामी नारायण मंदिर को केवल दो साल के भीतर बना दिया था।