जयपुर abhayindia.com प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेताओं में चल रही गुटबाजी के चलते राजनीतिक नियुक्तियों का पिटारा अभी तक नहीं खुल सका है। नियुक्तियों में हो रही लेटलतीफी से अब नेताओं और कार्यकर्ताओं में भी नाराजगी बढने लगी है। इस बीच अच्छी खबर यह है कि अब दिल्ली दरबार ने इन नियुक्तियों को लेकर रणनीति बना ली है।
पार्टी सूत्रों की मानें तो हाल ही अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट की हुई मुलाकात के दौरान भी राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर चर्चा हुई थी। इसके बाद सत्ता और संगठन के बीच तालमेल बैठाने की ज़िम्मेदारी वरिष्ठ नेता अहमद पटेल को सौंप दी गई है। अब सत्ता और संगठन की ओर से बनाई जाने वाली नियुक्तियों की सूचियां अहमद पटेल के पास जाएगी। वहीं इन नामों पर आपसी सहमति के बाद हरी झण्डी मिलेगी।
आपको बता दें कि प्रदेश में 55 से अधिक ऐसे राज्य स्तरीय पद हैं, जिन पर नियुक्ति देने के साथ राज्य सरकार अपने हिसाब से कैबिनेट व राज्य मंत्री का दर्जा दे सकती है। इनके अलावा राज्यभर की यूआइटी में चेयरमैन के साथ ही तमाम अकादमियों में नियुक्तियां भी की जानी हैं। इसी तरह राजस्थान आवासन मण्डल अध्यक्ष, जन अभाव अभियोग निराकरण समिति, अल्पसंख्यक आयोग, वित्त आयोग, राज्य खाद्य बीज निगम, पशुधन विकास बोर्ड, मदरसा बोर्ड, जोधपुर विकास प्राधिकरण, यूथ बोर्ड, देवस्थान बोर्ड, सफाई आयोग, सैनिक कल्याण बोर्ड, समाज कल्याण बोर्ड, केशकला बोर्ड, हज कमेटी, वेयर हाउस कॉर्पोरेशन, राजस्थान धरोहर संरक्षण एवं प्रोन्नति प्राधिकरण, अनुसूचित जाति, जनजाति आयोग, राज्य महिला आयोग, माटीकला बोर्ड, वक्फ विकास परिषद और मगरा विकास बोर्ड सहित कई अन्य बोर्ड व आयोग हैं, जिनमें नियुक्तियां होनी हैं।