बीकानेर abhayindia.com संभाग में हाईकोर्ट बैंच स्थापना की मांग को लेकर हर माह की 17 तारीख को अदालती कार्यो के बहिष्कार की घोषणा के तहत बुधवार को जिला बार एसोसिएशन के वकिलों ने अदालती कामकाज स्थगित कर जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन कर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में अवगत कराया गया है कि बीकानेर में वर्ष 1922 से 1950 तक बीकानेर हाईकोर्ट अस्तित्व में थी। जिसे बाद में एकीकृत राजस्थान के बाद हटा दिया गया। केन्द्र सरकार की नीति के तहत न्याय सुलभ एवं सुगम होना चाहिए। इसी के तहत जिला न्यायालयों को तहसील स्तर पर खोला जा रहा है। इस पर अधिवक्ताओं की मांग है कि उच्च न्यायालय का विकेन्द्रीयकरण होना चाहिए। भारत सरकार के विधि एवं न्याय मंत्री ने इस संबंध में उच्च स्तरीय कमेटी गठित की थी एवं विधि आयोग की रिपोर्ट में भी आया था कि उच्च न्यायालयों का विकेन्द्रीयकरण होना चाहिए।
इसी मांग के तहत बीकानेर संभाग के सभी अधिवक्ताओं ने 125 दिनों तक हड़ताल कर अदालतों का अपना कार्य स्थगित किया था। उसी की परिपेक्ष्य हर माह 17 तारीख को संकल्प दिवस मनाया जाता है और उस दिन कार्य स्थगित रखा जाता है। प्रतिनिधि मंडल में बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मुमताज अली भाटी, उपाध्यक्ष रामकिसन कड़वासरा, सचिव शिवपाल सिंह सियाणा, कोषाध्यक्ष भंवरलाल बिश्नोई, रविकांत शर्मा, संजय रामावत, ओमप्रकाश हर्ष, सुरेश श्रीमाली, महेश सींवर, ओम गोदारा, हेमाराम जाखड़, नवनीत नारायण व्यास, पवन भाटी, योगेश, असद रजा भाटी, हरीश ओझा, फूलचंद चौधरी, हड़मान बिश्नोई, प्रेम बिश्नोई, सुनील धारणिया, वेदप्रकाश, इरशाद अजीज आदि अधिवक्तागण मौजूद थे।