








बीकानेर abhayindia.com प्रदेश के शिक्षा के मंदिरों में दिल खोलकर सहयोग करने वाले भामाशाहों को आगामी 28 जून को राज्य स्तर पर सम्मानित किया जाएगा। इसके लिए प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय में आवेदन लिए जा रहे हैं। करीब एक पखवाड़े में 90 भामाशाहों ने राज्य स्तरीय सम्मान के लिए आवेदन किया है। हालांकि 15 जून तक आवेदन लिए जाएंगे। ऐसे में इनकी संख्या 150 के करीब पहुंच सकती है।
राज्य सरकार ने प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय को भामाशाह सम्मान के लिए आवेदन लेने व जांच कर पात्र भामाशाहों के नाम पुरस्कार के लिए भिजवाने के आदेश दिए हैं। इसी के तहत भामाशाह व प्रेरकों के आवेदन लिए जा रहे हैं। आवेदन के लिए भामाशाह द्वारा एक सत्र में कम से कम दस लाख रुपए का सहयोग अनिवार्य है, वहीं प्रेरक के लिए 15 लाख रुपए का एक वर्ष में प्रेरणा कार्य अनिवार्य है। गत भाजपा सरकार ने स्कूलों में विद्यालय विकास एवं प्रबंधन समिति (एसडीएमसी) के नाम से पेनकार्ड बनवाकर 80जी के तहत आयकर से मुक्त कराने के लिए पंजीकरण करवा दिया। यही कारण रहा है कि भामाशाहों ने स्कूलों में दिल खोलकर सहयोग किया, क्योंकि उक्त राशि पर आयकर देय नहीं था। ऐसे में माना जा रहा है कि इस बार भामाशाह सम्मान में करीब 200 भामाशाहों व प्रेरकों को सम्मानित किया जा सकता है।
दस लाख की बाध्यता हटे
प्रदेश में ऐसे सैंकड़ों भामाशाह है, जिन्होंने पांच से आठ लाख रुपए तक का सहयोग किया है, परन्तु दस लाख रुपए की बाध्यता होने के कारण वे भामाशाह सम्मान के लिए आवेदन नहीं कर पा रहे हैं। जानकारों का कहना है कि स्कूलों में पांच लाख से आठ लाख रुपए तक दान देने वालों की संख्या काफी अधिक है। राज्य सरकार को उन दानदाताओं को भी भामाशाह सम्मान देना चाहिए, ताकि दूसरे लोग प्रेरित होकर सहयोग के लिए आगे आएं।





