नई दिल्ली। भारत ने एंटी-सैटेलाइट मिसाइल ‘मिशन शक्ति’ की सफलतापूर्वक परीक्षण कर दुश्मनों देशों की नींदें उड़ा दी है। चीन और पाकिस्तान की इसे लेकर प्रतिक्रिया आ गई है। पाकिस्तान ने कहा है कि भारत को युद्ध की ओर जाने वाले कदम से बचने की जरूरत है, जबकि भारत से टक्कर मिलने पर चीन भी शांति का राग अलापने लगा है। पाकिस्तान ने तो अंतरराष्ट्रीय समुदाय से दखल करने तक की मांग कर दी है।
आपको बता दें कि आतंकी अड्डों पर हुई एयर स्ट्राइक से सदमे से पाकिस्तान अभी तक उबर नहीं सका है। इस बीच अंतरिक्ष में भारत की इस धमाकेदार सफलता को पाकिस्तान पचा नहीं पा रहा, इसलिए उसने ‘मिशन शक्ति’ के परीक्षण को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय से दखल की मांग की है। पाकिस्तान का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय की जिम्मेदारी है कि ऐसे परीक्षण को देखें। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एंटी-सैटेलाइट मिसाइल के परीक्षण पर चीन ने कहा है कि उम्मीद है कि सभी देश अंतरिक्ष में शांति बनाए रखेंगे। इधर, इस मिशन की जानकारी देते वक्त ही प्रधानमंत्री मोदी ने साफ कहा था कि हमारा लक्ष्य शांति कायम रखना है, न कि युद्ध जैसे हालात बनाना।
आपको यह भी बता दें कि लो अर्थ ऑर्बिट में सैटेलाइट मारने वाला भारत चौथा देश बन गया है। अभी तक यह तकनीक केवल अमरीका, चीन और रूस के पास ही थी। बुधवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने भारत की अंतरिक्ष में सफलता की घोषणा करते हुए कहा कि भारत उपग्रह-भेदी क्षमता हासिल कर चौथा अंतरिक्ष महाशक्ति बन गया है। पीएम ने बताया कि ए-सैट ने पूर्व निर्धारित लक्ष्य सिर्फ तीन मिनट में नष्ट कर दिया। इसके साथ ही भारत ने खुद को अंतरिक्ष महाशक्ति के तौर पर स्थापित कर दिया। मोदी ने कहा कि मिशन में किसी अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन नहीं किया गया। यह नई तकनीक किसी के खिलाफ नहीं है। यह सिर्फ देश के विकास के लिए है।
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