






अजमेर/बीकानेर Abhayindia.com माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा सोमवार को अजमेर में विभिन्न पदों की विभागीय पदौन्नति समिति की बैठक आयोजित हुई। इस दौरान नियमित डीपीसी के तहत प्राचार्य पद की डीपीसी वर्ष 2024-25 में 2 हजार 876 कार्मिकों, प्राध्यापक (वाणिज्य) डीपीसी (वर्ष 21-22 से 24-25) में 447 कार्मिकों प्राध्यापक-शाशि पद की डीपीसी (वर्ष 23-24 से 24-25) में 49 कार्मिकों, प्राध्यापक (गृहविज्ञान / चित्रकला / कृषि) पद की डीपीसी (वर्ष 21-22 से 24-25) में 13 कार्मिकों एवं उपजिशिअ (शाशि) पद की डीपीसी वर्ष 2024-25 में 8 कार्मिकों, पुस्तकालयाध्यक्ष ग्रेड-1 पद हेतु 19 कार्मिकों एवं राज्य पुस्तकालयाध्यक्ष पद हेतु 1 कार्मिक का पदौन्नति हेतु चयन किया गया।
विभिन्न संवगों के भिन्न-भिन्न वर्षो की रिव्यू डीपीसी यथा व्याख्याता से प्रधानाचार्य 70 पद, उप-प्राचार्य से प्राचार्य 1 हजार 278 पद, व्याख्याता से उप-प्राचार्य 25 पद, प्राध्यापक-शाशि 4 पद एवं विभिन्न वर्षों की प्राध्यापक-प्रधानाध्यापक रिव्यू डीपीसी में 17 पदों पर कार्मिकों का पदौन्नति हेतु चयन किया गया है। उक्त नियमित एवं रिव्यु डीपीसी के आयोजन से विभाग द्वारा प्राचार्य-4 हजार 224, उप-प्राचार्य-25, प्रधानाध्यापक-04, उप जिशिअ शाशि -08, राज्य पुस्तकालयाध्यक्ष-01, प्राध्यापक विभिन्न विषय-526, पुस्तकालयाध्यक्ष ग्रेड-1 के 19 पदों पर कार्मिकों का पदोन्नति हेतु चयन किया गया। इसी के साथ सोमवार को ही समस्त 9 मंडलों के वरिष्ठ शा. शि. पद हेतु आयोजित नियमित डीपीसी वर्ष 2023-24 व 2024-25 हेतु 866 एवं पुस्तकालयाध्यक्ष ग्रेड-2 पद हेतु 286 कार्मिकों का पदौन्नति हेतु चयन किया गया।
समग्र रूप से राजस्थान लोक सेवा आयोग, अजमेर के सदस्य प्रो. अय्यूब खान की अध्यक्षता, निदेशक माध्यमिक शिक्षा श्री आशिष मोदी, शासन कार्मिक विभाग से मनोनीत सदस्यों एवं संयुक्त निदेशक विभिन्न मण्डलों द्वारा सम्पन्न डीपीसी द्वारा विभाग में प्राचार्य, उप-प्राचार्य, प्राध्यापक (विभिन्न विषय), उप जिशिअ (शाशि), प्राध्यापक (शाशि), वशाशि अध्यापक, राज्य पुस्तकालयाध्यक्ष एवं पुस्तकालयाध्यक्ष ग्रेड-1 सहित कुल 5959 कार्मिक पदोन्नति से लाभान्वित हुए हैं।
यह पदोन्नतियां राज्य की शिक्षा व्यवस्था में रिक्त पदों को भरने एवं गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा व्यवस्था की सुनिश्चितता के लिए राज्य सरकार की प्राथमिकता की दिशा में महत्वपूर्ण एवं सकारात्मक कदम है। यह उपलब्धि राज्य सरकार की शिक्षण नेतृत्व में समावेशिता और समान प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।



