








जयपुर Abhayindia.com ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने बिजली कंपनियों के कार्मिकों को आश्वस्त करते हुए कहा है कि राज्य सरकार की बिजली कंपनियों के निजीकरण की कोई योजना नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की दीर्घकालिक ऊर्जा आवश्यकताओं के मद्देनजर बिजली कंपनियों ने देश के प्रमुख केन्द्रीय सार्वजनिक उपक्रमों के साथ राज्य हित में एमओयू किए हैं। उन्होंने कहा कि कार्मिकों का सहयोग लेकर ही राज्य सरकार प्रदेश के ऊर्जा क्षेत्र के कायाकल्प तथा सुदृढ़ीकरण की दिशा में आगे बढ़ रही है।
नागर सोमवार को राममंदिर स्थित ओल्ड पावर हाउस में जयपुर डिस्कॉम के प्रथम शिशु पालना घर के लोकार्पण समारोह में उपस्थित विद्युत कंपनियों के अधिकारियों तथा कर्मचारियों को संबोधित कर रहे थे। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि प्रदेश में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में सर्वाधिक संभावनाएं हैं। राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट के माध्यम से जो निवेश आ रहा है उसमें सर्वाधिक भागीदारी एनर्जी सेक्टर की है। राज्य सरकार जो भी एमओयू करेगी उनमें कार्मिकों के हितों का पूरा ख्याल रखा जाएगा।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि बिजली वितरण तंत्र को मजबूत करने के लिए आरडीएसएस योजना के रूप में मात्र 8 हजार करोड़ रूपए की उपलब्धता है। प्रदेश के भू-भाग तथा विस्तृत डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क को देखते हुए आवश्यकता इससे कई गुना अधिक है। बैंकों से इतना वित्तीय संसाधन जुटाना पहले से ही ऋणभार से दबे डिस्कॉम्स के लिए संभव नहीं है। ऐसे में प्रदेशवासियों को गुणवत्तायुक्त आपूर्ति के लिए हाइब्रिड एन्यूटी मॉडल जैसे नवाचार अपनाए जा रहे हैं। इस मॉडल पर देश में राजमार्ग भी बन रहे हैं। इनसे डिस्कॉम कार्मिकों को भ्रमित होने की आवश्यकता नहीं है।
इससे पहले नागर ने 55 लाख रूपए की लागत से निर्मित शिशु पालना गृह का लोकार्पण किया। उन्होंने कहा कि इस पालना घर के निर्माण से यहां कार्यरत कर्मियों, विशेषकर महिला कार्मिकों को बड़ी सुविधा मिलेगी। बच्चों की देखभाल से निश्चिंत होकर कार्मिक अधिक मनोयोग से काम कर पाएंगे। उर्जा मंत्री ने कहा कि इस पालना घर में केयर टेकर, आंगतुक कक्ष, रसोई घर, फीडिंग रूम तथा बच्चों के पोषण के लिए आहार जैसी सुविधाएं एवं व्यवस्थाएं उपलब्ध होंगी।
सिविल लाइंस विधायक गोपाल शर्मा ने शिशु पालना घर के रूप में संवेदनशील पहल के लिए डिस्कॉम प्रबंधन को साधुवाद देते हुए कहा कि यह एक परमार्थ का काम है। उन्होंने पालना गृह की संचालक संस्था से आग्रह किया कि वे बच्चों के पालन के साथ ही उनमें देश की संस्कृति एवं महापुरूषों के प्रति गौरव का भाव जाग्रत करें।
जयपुर डिस्कॉम के तकनीकी निदेशक एसएस नेहरा तथा सचिव (प्रशासन) एचबी भाटिया ने भी संबोधित किया। उन्होंने बताया कि इस पालनाघर में 50 बच्चों के रहने की क्षमता के अनुरूप आवश्यक सुविधाएं विकसित की गई है।





