Monday, April 21, 2025
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अश्व पर्यटन से बीकानेर में पर्यटन के नए आयाम स्थापित होंगे : डॉ. मेहता

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बीकानेर Abhayindia.com राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र, बीकानेर परिसर पर अश्व पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक इंटरफ़ेस मीटिंग का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए केंद्र के प्रभागाध्यक्ष डॉ. एस. सी. मेहता ने केन्द्र की उपलब्धियों के बारे में बताते हुए कहा कि पिछले एक वर्ष में इस केंद्र ने राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर की कई उपलब्धियां हासिल की है। केंद्र के नाम एक और उपलब्धि दर्ज हुई है। राष्ट्रीय पशु संसाधन ब्यूरो, करनाल के वैज्ञानिकों के साथ मिल कर स्वदेशी घोड़ों की डीएनए-बेस्ड “एक्सिओम-अश्व एसएनपी चिप“ बनाई है जो कि स्वदेशी घोड़ों के अध्ययन में सबसे अधिक उपयोगी सिद्ध होगी है एवं लम्बे समय तक उपयोग में आएगी। साथ ही अब विदेशी चिप का उपयोग कम होगा।

उन्‍होंने बताया कि इस केंद्र ने देश को घोड़ों की आठवीं नस्ल “भीमथड़ी” दी। मारवाड़ी घोड़ों के संरक्षण पर राष्ट्रीय स्तर का “नस्ल संरक्षण पुरस्कार” जीता। अभी हाल ही में “राज शीतल” नाम की बच्ची का जन्म विट्रीफाइड भ्रूण प्रत्यर्पण तकनीक से हुआ। उन्होंने केंद्र की उपलब्धियों के साथ-साथ घोड़े को आम जनता से जोड़ने के जो प्रयास पिछले 5-6 वर्षों में किए गए उनके बारे में बताते हुआ कहा कि यहां अश्व पर्यटन प्रारंभ किया गया, अश्व प्रतियोगिताएं को “अंतर राष्ट्रीय ऊंट उत्सव” में सम्मिलित करवाया गया एवं एनसीसी के साथ अश्व खेलों का आयोजन भी करवाया गया।

उन्‍होंने बताया कि केंद्र ने अपने स्थापना दिवस पर पिछले माह ही अश्व प्रतियोगिताएँ भी करवाई। उसी दिशा में आगे बढ़ते हुए आज का कार्यक्रम रखा गया है जिसमें आगंतुकों ने केन्द्र के नए संग्रहालय, सेंड ड्यून व बांस झोपड़ी, लकड़ी का पूल, हर्बल गार्डन एवं विभिन्न नस्लों के घोड़े भी देखे। साथ ही आपने अश्व एवं बग्गी सवारी का आनन्द भी लिया।

इस अवसर पर विशिष्ठ अतिथि उप निदेशक पर्यटन विभाग अनिल राठौर ने कहा कि इस वर्ष हम अश्व दौड़ को 11-12 जनवरी को होने वाले ऊंट उत्सव में सम्मिलित करने का प्रयास करेंगे। उन्होंने बीकानेर में हॉर्स राईडिंग एवं अश्वों से सम्बन्धित शो कराने का सुझाव दिया। साथ ही पर्यटन विभाग की योजनाओं की जानकारी भी दी।

विशिष्ठ अतिथि सुरेश गुप्ता ने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देकर रोजगार के नए अवसर पैदा किए जा सकते हैं। साथ ही कहा कि बीकानेर अलमस्त शहर है एवं यहाँ नवाचार किए जाने चाहिए। इस अवसर पर डॉ नासिर जैदी ने कहा कि बीकानेर का नाम “मून सिटी” रखा जाना चाहिए। आज के कार्यक्रम में बड़ी संख्या में पत्रकार, पर्यटन व्यवसाई, युट्यूब एन इन्सटाग्राम इन्फ़ुएन्सर्स ने भाग लिया अपने विचार रखे। कार्यक्रम के आयोजन में जितेन्द्र सोलंकी की महत्वपूर्ण भूमिका रही। इस अवसर पर परिसर के प्रभारी इको टूरिज्म ओम प्रकाश, गोपाल, अमित, राहुल ने कार्यक्रम को संचालित किया। कार्यक्रम मे डॉ जितेन्द्र सिंह, डॉ पचोरी, नरेंद्र चौहान एवं केंद्र के अन्य अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने भाग लिया।

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