जयपुर Abhayindia.com माइंस एवं पेट्रोलियम सचिव आनन्दी ने कहा है कि राज्य में कोल बेड मिथेन (सीबीएम) और अण्डर ग्राउण्ड कोल गैसीफिकेशन (यूसीजी) को बढ़ावा देने की संभावनाओं को तलाशा जाएगा। आनन्दी ने मंगलवार को सचिवालय में ऑयल इंडिया, राजस्थान गैस व पेट्रोलियम विभाग के विशेषज्ञ वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक में संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा करने के साथ ही ऑयल इंडिया के अधिकारियों से इस दिशा में आगे काम करने को कहा है।
खान सचिव आनन्दी ने कहा कि प्रदेश में उपलब्ध लिगनाइट भण्डारों से सीबीएम और यूसीजी की संभावनाओं को तलाश कर गैस बैस्ड इकोनोमी का बढ़ावा दिया जा सकेगा। इससे राज्य में उर्जा के अतिरिक्त स्रोत विकसित होंगे। आनन्दी ने कहा कि अमेरिका, कनाड़ा, आस्ट्रेलिया आदि देशों में कोल बेड मिथेन उर्जा का महत्वपूर्ण स्रोत बन गया है।
उन्होंने ऑयल इण्डिया के अधिकारियों से कहा कि प्रदेश में क्रूड ऑयल और गैस के खोज व दोहन के साथ ही सीबीएम के संभावना को एक्सप्लोर करें ताकि प्रदेश के प्राकृतिक संसाधनों का उर्जा के क्षेत्रा में और अधिक उपयोग किया जा सके। उन्होंने कहा कि भूमिगत कोयला गैसीकरण डीकार्बोनाइजेशन का विकल्प और उर्जा का स्रोत है।
आनन्दी ने चर्चा के दौरान ऑयल इंडिया की राज्य में चल रही गतिविधियों पर विस्तार से जानकारी के साथ ही कच्चे तेल और गैस के उत्पादन आदि पर चर्चा की।
ऑयल इंडिया के कार्यकारी निदेशक अगाध मेधि ने बताया कि ऑयल इंडिया द्वारा बाघेवाला में 21 कुओं में क्रूड ऑयल और जैसलमेर में 19 कुओं से प्राकृतिक गैस का उत्पादन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि ऑयल इंडिया प्रदेश में निकाय क्षेत्रों में कम्प्रेस्ड बॉयो गैस सीबीजी के क्षेत्र में भी काम करना चाहती है।
बैठक में राजस्थान स्टेट गैस के एमडी रणवीर सिंह, राजस्थान पेट्रोलियम विभाग के अतिरिक्त निदेशक अजय शर्मा, एसजी सुनील वर्मा, उपनिदेशक रोहित मल्लाह,आरएसजीएल के डीजीएम विवेक रंजन के साथ ही ऑयल इंडिया के महाप्रबंधकों में ऋतुपर्ण शर्मा, तबरेज अख्तर अंसारी, संजय धीरज और परामर्शदाता प्रदीप अग्रवाल उपस्थित थे।