







बीकानेर Abhayindia.com बीकानेर में दूध की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे है। हालांकि यह सवाल पहले भी उठ रहे थे लेकिन अभी उरमूल दुग्ध संघ की ओर से लगाए जा रहे शिविरों के नतीजों से साफ हो गया है कि दूध की गुणवत्ता किस स्तर तक गिर गई है। संघ की ओर से रविवार को नत्थूसर गेट क्षेत्र में दूध का दूध, पानी का पानी अभियानके तहत उपभोक्ता जागरूकता शिविर आयोजित किया गया। शिविर में दूध के 21 सैम्पल में से जांच में 17 फेल पाए गए। केवल चार सैम्पल ही सही पाए गए।
आपको बता दें कि इस अभियान का आगाज व्यास कॉलोनी, जस्सूसर गेट से किया गया। एनडीडीबी के उप प्रबंधक शुभम गुलाटी के निर्देशन में उरमूल विपणन अनुभाग की टीम ने घर-घर जाकर शिविर में दुग्ध की नि:शुल्क जांच की जानकारी उपभोक्ताओं को दी।
उरमूल के प्रबंध संचालक बाबूलाल बिश्नोई ने बताया कि उपभोक्ता शिविर का हिस्सा बने और दूध की जांच अपने सामने करवाई। 87 नमूनों की जांच की गई, जिसमें से 12 मानक व 75 अमानक पाए गए। उरमूल ने उपभोक्ताओं को मिलावटी व खुले दुग्ध से होने वाले नुकसान से भी अवगत करवाया।
उरमूल के अध्यक्ष नोपाराम जाखड़ ने बताया कि उपभोक्ताओं को पता नहीं चल पाता है कि जो वे दूध खरीद रहे हैं वह शुद्ध है या नहीं। यदि उपभोक्ता स्वयं दूध की जांच करते हुए प्रत्यक्ष रूप से देखेंगे तो उन्हें अधिक विश्वास होगा और शुद्धता के प्रति सचेत रहेंगे। शिविर में जांच करवाने आए उपभोक्ताओं ने उरमूल के इस प्रयास को सराहनीय बताया।
विपणन प्रभारी मोहन सिंह चौधरी ने बताया कि उपभोक्ताओं को जागरूक करने व मिलावट पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से आगे भी यह शिविर निरन्तर चलेगा। इसमें बीकानेर शहर के प्रत्येक वार्ड को शामिल किया जा रहा है, जहां उपभोक्ता नि:शुल्क दुग्ध की जांच करवा सकता है। इससे उपभोक्ताओं को खरीदने वाले दुग्ध की गुणवता को परखने का मौका मिलेगा।



