बीकानेर Abhayindia.com प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत जिले में अब तक 2 हजार 936 आवेदन प्राप्त हुए हैं जिनमें से विभिन्न ग्राम पंचायतों में 1 हजार 824 तथा नगरीय निकाय क्षेत्रों में 1 हजार 112 आवेदन प्राप्त किए गए हैं।जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने यह जानकारी दी। उन्होंने अधिक से अधिक पात्र लोगों को इस योजना के तहत पंजीकरण करवाने के लिए आवेदन करने की अपील की
जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद ने अधिकतम पात्र लोगों को लाभ दिलाने के लिए सभी ग्राम पंचायतों को योजना के पोर्टल पर मैप करवाने के लिए सीईओ जिला परिषद को निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि विकसित भारत संकल्प यात्रा के तहत आयोजित किये जा रहे शिविरों में भी योजना की विस्तार से जानकारी दी जा रही है।
जिला कलेक्टर ने बताया कि प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत जिले के पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को संरक्षित कर उनका विकास करने के उद्देश्य से प्रमाण पत्र और आईडी कार्ड उपलब्ध करवाए जाएंगे। योजना के तहत 18 पारंपरिक व्यवसायों को शामिल किया गया है, जिनमें बढ़ी, लोहार सुनार कुम्हार, मूर्तिकार, धोबी दर्जी आदि शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि इस योजना में शिल्पकारों और कारीगरों को आईडी कार्ड के जरिए पहचान दिलाई जाएगी। साथ ही 5 प्रतिशत के रियायती ब्याज दर के साथ एक लाख (पहली किस्त) और 2 लाख (दूसरी किस्त) तक के ऋण की सहायता दिए जाने का भी प्रावधान है।
जिला उद्योग केंद्र की महाप्रबंधक मंजू नैण गोदारा ने बताया कि योजना के तहत रियायती दर पर ऋण के साथ, कौशल उन्नयन, टूलकिट प्रोत्साहन व डिजिटल लेनदेन प्रोत्साहन के लिए सहायता भी उपलब्ध करवाई जाएगी। इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए संबंधित कारीगर कॉमन सर्विस सेंटर या पीएम विश्वकर्मा पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं।
18 पारंपरिक व्यवसायों को किया गया शामिल : गोदारा ने बताया कि पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत पहली बार में 18 पारंपरिक व्यावसायों को शामिल किया गया है। जिनमें सुथार, नाव बनाने वाले, अस्त्रकार, लोहार, हथोड़ा और औजार निर्माता, ताला बनाने वाले, सुनार, कुम्हार, मूर्तिकार, पत्थर तोड़ने वाले, राजमिस्त्री, झाड़ू टोकरी और चटाई बुनकर, नाई, मालाकार, धोबी, दर्जी, चर्मकार तथा मछली पकड़ने का जाल बनाने वाले कारीगरों को इस योजना के तहत आईडी कार्ड या प्रमाण पत्र दिए जाने का प्रावधान किया गया है।