जयपुर Abhayindia.com राजस्थान विधानसभा चुनाव-2023 के नतीजों के बाद से पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी रहे लोकेश शर्मा के बयान राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बने हुए हैं। उन्होंने 25 सितंबर 2022 की घटना को लेकर अपने ताजा बयान में कहा है कि तब हाईकमान ने जिस उद्देश्य से मल्लिर्काजुन खरगे और अजय माकन को भेजा था। वह पूरी हो जाती तो आज राजस्थान के विधानसभा चुनावों की स्थिति कुछ अलग ही होती।
शर्मा ने 25 सितंबर 2022 की घटना को प्रायोजित बताते हुए कहा कि विधायक दल की बैठक मुख्यमंत्री निवास पर होने के बजाय शांति धारीवाल के घर पैरेरल हुई। सभी कैसे बसों में बैठकर सी.पी. जोशी के पास गए। इस्तीफे तक दे दिए।
उन्होंने कहा कि सरकार बचाने में साथ रहे विधायक और मंत्रियों को टिकट देकर ऑबलाइज करना भारी पड़ा। ये पांच साल सत्ता सुख भोग चुके थे। फिर भी उन्हें टिकट देकर ऑबलाइज किया गया, जबकि रिपोर्ट इनके पक्ष में नहीं थी। इस चुनाव में गुटबाजी का भी नुकसान हुआ। जिस कंपनी को चुनाव का काम सौंपा गया, उसने भी मनमानी की। प्रदेशाध्यक्ष गोविंद डोटासरा व प्रभारी तक की अनदेखी की। राजस्थान एकमात्र ऐसा प्रदेश था, जहां सरकार बना सकते थे। लेकिन, सीएम की ओर से समय रहते फैसले नहीं लेने से सत्ता से बाहर हो गए। शर्मा ने कहा कि यदि आलाकमान भी इस बारे में कुछ जानकारी चाहेगा तो बताने को तैयार हैं।