Tuesday, April 30, 2024
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अफसरों को कराया अदालत के आदेशों का स्मरण

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बीकानेर (अभय इंडिया न्यूज)। समायोजित शिक्षाकर्मियों ने बुधवार को प्रदेश के कई जिलों में पेंशन के मामले में हाईकोर्ट की ओर से दिए गए आदेशों का स्मरण कराते हुए शिक्षा विभाग के अधिकारियों को स्मरण पत्र दिए गए। बीकानेर में राजस्थान समायोजित शिक्षाकर्मी वेलफेयर सोसायटी के जिलाध्यक्ष सत्यप्रकाश बाना के नेतृत्व में शिक्षाकर्मियों ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक नथमल ढिडेल, प्रारंभिक शिक्षा निदेशक श्याम सिंह राजपुरोहित, शिक्षा उपनिदेशक महावीर सिंह पूनिया, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक दयाशंकर तथा जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक उमाशंकर किराड़ू को अलग-अलग स्मरण पत्र सौंपे गए। जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक की अनुपस्थिति में स्मरण पत्र अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी सुनील बोड़ा को सुपुर्द किया गया।

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पत्र में बताया गया कि एक तरफ तो हाईकोर्ट ने कर्मचारियों को पीएफ की राशि सरकार को जमा कराने के लिए 30 जून 2018 तक का वक्त दे रखा है, जबकि दूसरी ओर राज्य सरकार की ओर से इस संबंध में अभी तक कोई दिशा-निर्देश जारी नहीं किए गए हैं। ऐसे में कर्मचारी असमंजस की स्थिति में है।

बीकानेर में अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक सुनील बोड़ा को ज्ञापन देते समायोजित कर्मचारी।
बीकानेर में अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक सुनील बोड़ा को ज्ञापन देते समायोजित कर्मचारी।

राजस्थान समायोजित शिक्षाकर्मी वेलफेयर सोसायटी अजमेर के प्रदेशाध्यक्ष सरदार सिंह बुगालिया एवं प्रदेश महामंत्री शिवशंकर नागदा ने ‘अभय इंडिया’ को बताया कि राज्यव्यापी आह्वान के तहत प्रदेश के अधिकांश जिलों में संबंधित शिक्षा अधिकारियों को स्मरण-पत्र देकर हाईकोर्ट के आदेशों के बारे में याद दिलाया गया है। आगामी रणनीति के लिए जल्द ही कार्ययोजना बनाई जाएगी। उन्होंने बताया कि इससे पहले 29 मई को भी दिशा-निर्देश जारी करने की मांग को लेकर प्रमुख शासन सचिव शिक्षा तथा सभी निदेशकों व आयुक्त को भी ज्ञापन के माध्यम से आग्रह किया जा चुका है।

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प्रदेशाध्यक्ष बुगालिया तथा महामंत्री नागदा ने कहा है कि अनुदानित संस्थाओं के कर्मचारी, जो कि राजस्थान सिविल सेवा (अंशदायी पेंशन) नियम 2005 से पहले के नियुक्त थे, को पेंशन नियम 1996 से वंचित रखना असंवैधानिक है। उन्होंने बताया कि हाईकोर्ट ने 22 मार्च 18 को निर्णय देते हुए कहा था कि समायोजित कर्मचारी पीएफ की राशि मय छह प्रतिशत ब्याज सहित नियुक्ति अधिकारी के पास जमा कराएं। उक्त आदेशों की पालना राज्य सरकार की ओर से अभी तक नहीं की जा रही है। ऐसे में कर्मचारी असमंजस में है कि वो उक्त राशि कैसे और किसे जमा कराएं।

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