








Bikaner. Abhayindia.com जीते जी रक्तदान और मरणोपरांत नेत्रदान सच्ची मानव सेवा है। ऐसा ही कुछ हुआ बीकानेर में जब नोखा के सेवाभावी दुर्गा देवी डागा रविवार की प्रातः आकस्मिक देहावसान हो जाने पर उनके पति गणेशमल डागा और और समस्त डागा परिवार के द्वारा नेत्र दान कराया गया। परिवार के मन में दो अंध आंखों को नई रोशनी मिले इस नेक उद्देश्य से नेत्रदान कराए गए। इसके लिए डागा परिवार ने साधुमार्गी जैन समता युवा संघ नोखा के मंत्री अमित लालानी से संपर्क किया। जिस पर युवा संघ के अविलंब ही बुलाकर नेत्रदान की प्रक्रिया को पूर्ण कराया गया। विदित रहे स्वर्गीय दुर्गा देवी डागा अपने जीवनकाल में सेवा कार्य में अग्रणीय और हंसमुख स्वभाव की धनी थी।
साधुमार्गी जैन समता युवा संघ मंत्री अमित ने बताया कि अंधविश्वास के कारण लोग आगे नहीं आते जबकि यह सच्ची सेवा है जिस प्रकार रक्तदान के लिए अब लोगों आगे आने लगे है उससे कई को जीवनदान रोज मिल रहा है। उसी प्रकार नेत्रदान होने पर कई जो नेत्रहीन रह जीवन यापन कर रहे हैं उन्हें नया जीवन मिल सकता है।





