








जोधपुर Abhayindia.com राजस्थान सिविल सेवा अपील अधिकरण, जयपुर चलपीठ जोधपुर ने देशराज बनाम माध्यमिक शिक्षा की लम्बित अवमानना याचिका को उच्च न्यायालय को रैफर किया है।
आपको बता दें कि श्रीगंगानगर निवासी देशराज जो माध्यमिक शिक्षा विभाग मे लैब बॉय के पद पर राजकीय कन्या उच्च माध्यमिक विधालय श्रीगंगानगर में कार्यरत था। विभाग द्वारा उससे कनिष्ठ कर्मचारियों को वर्ष 2012-2013 की रिक्तियों के विरूद्ध कनिष्ठ लिपिक के पद पर पदोन्नति आदेश 03.7.2013 से प्रदान कर दी गई लेकिन अपीलार्थी को पदोन्नति से वंचित रखा गया जबकि वह पदोन्नति के लिए निर्धारित योग्यता पूर्ण करता था। विभाग के इस कृत्य से व्यथित होकर उसने एक अपील राजस्थान सिविल सेवा अपील अधिकरण के समक्ष वर्ष 2014 में प्रस्तुत की।
अधिकरण ने 27.03.2019 को प्रार्थी के पक्ष मे निर्णित करते हुए माध्यमिक शिक्षा विभाग को यह आदेशित किया कि वो प्रार्थी को भी उससे कनिष्ठ कर्मचारियों को दी गई पदोन्नति के वर्ष से ही पदोन्नति प्रदान करें।
अधिकरण के आदेश के बाद विभाग को कई अभ्यावेदन प्रस्तुत किये मगर विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नही की गई। विभाग द्वारा अधिकरण के आदेश की पालना नहीं करने पर प्रार्थी ने अपने अधिवक्ता प्रमेन्द्र बोहरा के माध्यम से एक अवमानना याचिका अधिकरण के समक्ष प्रस्तुत की। अधिकरण द्वारा निदेशक, माध्यमिक शिक्षा, बीकानेर व जिला शिक्षा अधिकारी, माध्यमिक -शिक्षा, श्रीगंगानगर को अवमानना याचिका के नोटिस जारी किये।
अधिकरण द्वारा आदेश की पालना नहीं होने पर जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक शिक्षा श्रीगंगानगर व्यक्तिश: उपस्थित होने का आदेश भी प्रदान किया। 18.4.2023 को अधिकरण ने माना कि उसके आदेश की पालना आज दिनांक तक विभाग की हठधर्मिता के चलते नहीं की जा रही है। इस पर पत्रावली को दिनांक 16.5.2023 के लिए मुलतवी किया गया। दिनांक 16.5.2023 को भी जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा पालना मे असमर्थता ही जताई गई। अधिकरण में कई बार व्यक्तिगत उपस्थिति के बाद भी जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक शिक्षा द्वारा अपीलार्थी को कनिष्ठ लिपिक के पद पर उससे कनिष्ठ कर्मचारियों को पदोन्नति देने की दिनांक से पदोन्नति नहीं देने पर इसे अधिकरण के आदेश दिनांक 27.03.2019 की अवमानना होना माना। अधिकरण ने निदेशक, माध्यमिक शिक्षा, बीकानेर व जिला शिक्षा अधिकारी, माध्यमिक शिक्षा, श्रीगंगानगर के विरूद्ध प्रस्तुत अवमानना याचिका को स्वीकार करते हुए अवमानना याचिका को न्यायालय की अवमानना अधिनियम 1971 की धारा 10 के तहत अवमानना की कार्यवाही संस्ंथित करते हुए प्रकरण राजस्थान उच्च न्यायालय की मुख्य पीठ, जोधपुर को रेफर किया।





