Sunday, May 19, 2024
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शिक्षा विभाग: निदेशालय के स्टोर अनुभाग में 48 लाख की हेरा-फेरी, निदेशक ने दिए दो कार्मिकों के खिलाफ चार्जशीट के निर्देश…

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बीकानेर Abhayindia.com प्रारम्भिक शिक्षा निदेशालय के स्टोर अनुभाग में चार्ज हस्तान्तरण के दौरान 48 लाख रुपए की हेरा-फेरी का मामला सामने आया है।

इसमे लिप्त कार्मिकों की पुष्टि होने के बाद निदेशक सौरभ स्वामी ने दो कार्मिकों के खिलाफ चार्जशीट जारी कर सख्त अनुशासनिक कार्रवाई करने एवं संबंधित के वेतन, पेंशन से राशि वसूली के निर्देश जारी किए है।

यह है मामला…

अतिरिक्त निदेशक (प्रारम्भिक शिक्षा, प्रशासन)अशोक सांगवा की ओर से जारी प्रेस नोट के अनुसार तत्कालीन भंडारपाल कैलाश लंबे समय तक अनियमितता करता रहा। नए स्टोरकीपर का चार्ज उमाशंकर बागड़ी को दिए जाने के समय बड़ी संख्या में सामग्री की शॉर्टेज पाई जाने पर अनियमितता की आशंका हुई। इसके बाद विभाग ने सख्त कदम उठाते हुए भंडार कार्यभार हस्तान्तरण समिति का गठन कर जांच शुरू की। पांच सदस्यों की समिति में लेखाअधिकारी व शिक्षा सेवा के अधिकारी शामिल थे। समिति की ओर से जांच शुरू की गई।

यूं सामने आई हेरा-फेरी

इस दौरान लगभग 48 लाख रुपए की हेरा-फेरी सामने आई जिसमें सभी प्रकार की स्टोर संबंधित अनियमितताएं एवं एयर कण्डीशनर, लेपटॉप, कम्प्यूटर, प्रिन्टर एवं फर्नीचर आइटम गायब पाए गए। समिति की विस्तृत जांच में यह सामने आया कि प्रारम्भिक शिक्षा के निदेशालय में सार्वजनिक निर्माण विभाग की ओर से की गई विद्युत व सिविल आपूर्तियों को भंडार के रिकॉर्ड अर्थात स्थायी स्टॉक रजिस्टर में दर्ज ही नहीं किया गया।

अधिकांश सामग्री कार्यालय भवन से गायब पाई गई, जबकि भंडारपाल कैलाश एवं प्रभारी अधिकरी बसंत ने सार्वजनिक निर्माण विभाग को सामान प्राप्ति की इन्वेन्टरी पर प्राप्ति के हस्ताक्षर किए गए थे। जांच के दौरान सार्वजनिक निर्माण विभाग से प्राप्त छह स्पलिट एयर कंडीशनर,33000 लीटर पानी की टंकियां, 13 स्ट्रीट पोल लाइटें, 200 सबमरशीबल कूलर पंप व अन्य विभिन्न प्रकार की सामग्री नहीं मिली। सांगवा के अनुसार इन सभी आइटमों को स्टोर के स्टॉक रजिस्टर में दर्ज ही नहीं किया और खुर्द-बुर्द कर दिया गया।

इस सामग्री की कीमत करीब 23 लाख रुपए की आंकी गई है। मैसर्स केएसटीडी, पीसीओ बीकनेर से निविदाएं कर फोटो कॉपी करवाने का कार्य भंडारपाल व प्रभारी अधिकारी के पूरे तीन साल के कार्यकाल में चलता रहा। फोटो कॉपी भुगतान बिलों में अनुचित छेड-छाड़ कर वास्तविक फोटो कॅपी की संख्या को अनावश्यक रूप से बढ़ाकर राजकोष को लगभग14.50 लाख रुपए की हानि पहुंचाई।

जांच के दौरान स्टेशनरी वितरण में भी लगभग 4.30 लाख रुपए की सामग्री कम पाई गई। पूर्व कर्मचारी प्रेमा देवी को सेवानिवृत्ति के बाद और अनूप कंवर को उनकी मृत्यु के बाद ही स्टोर सामग्री का विवरण दिखाया गया है। भंडारपाल कैलाश ने प्रिन्टर कार्टिज के रिफिलिंग बाउचर्स में अधिक राशि का प्रमाणीकरण करते हुए संबंधित फर्म को भुगतान करन दिया गया, इससे लगभग 1.80 लाख रुपए की हानि राजकोष को पहुंचाई गई।

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