Wednesday, February 12, 2025
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प्रयागराज में करपात्री जी का 42वां आराधना महोत्सव : बीकानेर के सुमित व्‍यास ने मंच से उठाई यह अहम मांग

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बीकानेर Abhayindia.com धर्मसम्राट स्वामी हरिहरानन्द सरस्वती जी महाराज (करपात्री जी महाराज) का कृतित्व व व्यक्तित्व को छात्रों के पाठ्यक्रम में स्थान मिलना चाहिए। ये विचार करपात्री जी के 42वां आराधना महोत्सव अखिल भारतीय धर्म संघ द्वारा महाकुंभ, प्रयागराज में आयोजित कार्यक्रम में परम पूज्य अभिषेक ब्रह्मचारी जी महाराज के बुलावे पर पहुँचे बीकानेर के हिन्दू स्टडीज के ज्ञाता व प्रमुख वास्तुशास्त्री सुमित व्यास ने व्यक्त किए।

वास्‍तुशास्‍त्री व्यास ने कहा कि जब पाठ्यक्रम में मार्क्सवाद, लेनिनवाद सहित अन्य विदेशी विचारधाराओं को स्थान मिलता है तो सनातन संस्कृति के संवाहक करपात्री जी महाराज को क्यों नहीं। व्यास ने बताया कि महाराज जी का स्वतंत्रता संग्राम में अप्रतिम योगदान रहा है। व्यास ने कहा कि सनातन संस्कृति को आदर्श जीवन जीने की जीवनशैली कहूँ तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। भारत के युवाओं में व्याप्त विभिन्न समस्याओं का हल सनातन में ही है। आज जरूरत है कि केंद्र व राज्य सरकारें इसको समझे व छोटी कक्षाओं से ही इसे पाठ्यक्रम में शामिल करें तो अनेक समस्याओं का निराकरण हो जाएगा। व्यास ने नीति नियंताओं से इस सम्बंध में शीघ्र सकारात्मक कार्यवाही का आग्रह किया।

व्यास ने कहा स्वामी श्री करपात्री जी महाराज का जीवन धर्म, तपस्या और सनातन संस्कृति की रक्षा के लिए समर्पित था। उन्होंने समाज को वेदों की प्रतिष्ठा, हिंदू संस्कृति की महत्ता और धर्मरक्षा के महत्व से परिचित कराया। उनका संपूर्ण जीवन साधना, संयम और वैराग्य का अनुपम उदाहरण था। मात्र भोजन ग्रहण करने हेतु करपात्र (हथेली) का उपयोग करने के कारण उन्हें “करपात्री जी” कहा जाने लगा। व्यास ने कहा करपात्री जी जीवन पर्यंत गौहत्या रोकने के लिए प्रयास करते रहे आज उनके प्रयासों को अमलीजामा पहनाने की जरूरत है।

व्यास ने कहा कि भारत को स्वतंत्र हुए सात दशक बीत चुके हैं फिर भी यदि भारत की पावन धरा पर गाय के रक्त की एक बूँद भी गिरती है तो हम सही मायने में आज़ाद नहीं हुए हैं। व्यास ने बताया कि धर्म सम्राट करपात्री ने एक बार बीकानेर में यज्ञ करवाया और भविष्यवाणी की कि इस यज्ञ के दौरान केसर-चंदन की बरसात होगी और वास्तव में ऐसा ही हुआ। यह संस्मरण सुनकर श्रोता मंत्र मुग्ध हो गए। गौरतलब है कि स्वामी जी के पावन स्मरण में प्रतिवर्ष यह आराधना महोत्सव आयोजित किया जाता है।

महोत्सव में व्यास के अलावा अयोध्या के श्री श्री 1008 स्वामी विद्या भास्कर जी महाराज, इलाहाबाद हाई कोर्ट की जस्टिस मंजू चौहान, बॉम्बे हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधिपति के के तातेड़, जम्मू कश्मीर के पूर्व उप मुख्यमंत्री निर्मल सिंह सहित और भी गणमान्य लोगों ने विचार रखे। आयोजन के बाद जरूरतमंद लोगों को कंबल वितरित की गई।

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