








बीकानेर Abhayindia.com प्रदेश की स्कूलों में शिक्षकों के पद खाली पड़े हैं। वहीं दूसरी ओर मास्टर शिक्षा विभागीय कार्यालयों में बाबूगिरी का कार्य कर रहे हैं।
ऐसे में शैक्षणिक कार्य प्रभावित हो रहा है। मंत्रालयिक पद खाली पड़े हैं। हालात को देखते हुए अखिल राजस्थान संयुक्त मंत्रालयिक कर्मचारी संघ ने रोष जताया है। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष मनीष विधानी ने शिक्षा मंत्री को एक पत्र लिखा है। इसके माध्यम से मांग उठाई है कि शिक्षा विभाग के कार्यालयों में पद स्थापित, कार्य व्यवस्था शैक्षणिक स्टाफ को विद्यालय में पद स्थापित करने एवं मंत्रालयिक कर्मचारियों के नव पद स्वीकृत कर डीपीसी प्रक्रिया तीव्र की जाए। पत्र के जरिए बताया गया है कि शिक्षा विभाग के कार्यालय जैसे शिक्षा निदेशालय माध्यमिक शिक्षा बीकानेर, समस्त जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय, मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय, एवं अन्य शिक्षा विभाग के कार्यालय में शैक्षणिक स्टाफ बहुत अधिक संख्या में पद स्थापित है, जबकि प्रदेश के कई विद्यालयों में प्रधानाचार्य,व्याख्याता,वरिष्ठ अध्यापक आदि के पद रिक्त पड़े हैं जिससे शिक्षण व्यवस्था प्रभावित हो रही है।
इसलिए अखिल राजस्थान संयुक्त मंत्रालयिक कर्मचारी संघ छात्र हित में मांग करता है कि इन शैक्षणिक स्टाफ को तत्काल प्रभाव से विद्यालय में पद स्थापित किया जाए। संघ के प्रदेश महामंत्री जितेंद्र गहलोत ने कहां की पूर्व में भी कई शिक्षक संगठनों ने इसकी मांग पुरजोर तरीके से उठाई थी, राज्य सरकार ने इस संबंध में आदेश भी किए कि गैर शैक्षिक कार्य शिक्षकों से नहीं कराया जाए लेकिन स्थिति जस की तस पड़ी है। संगठन के पदाधिकारियों ने रोष जताते हुए चेतावनी दी है कि जल्द ही संगठन की मांग पर अमल नहीं किया गया तो आंदोलन की राह पकडऩी पड़ेगी।





