‘पत्थर क्या नींद से भी ज्यादा पारदर्शी होता है….’

बीकानेर (अभय इंडिया न्यूज)। ‘वह क्या है, जो मेरे शब्दों से परे है…’, ‘पत्थर क्या नींद से भी ज्यादा पारदर्शी होता है…’, ‘मुस्कान सी हल्की, आंख सी खुली…।’ जैसी काव्य उक्तियों से शहर के सुधि श्रोतागण बहुत आनंद विभोर हुए। अवसर था प्रज्ञा परिवृत और सूर्य प्रकाशन मन्दिर के सह-आयोजन में स्थानीय अजित फाउण्डेशन सभागार … Continue reading ‘पत्थर क्या नींद से भी ज्यादा पारदर्शी होता है….’