







बीकानेर Abhayindia.com दक्षिण कोरिया के शिक्षाविद चित्रकार बे सुंग वॉन ने बुधवार को महाराजा गंगासिंह यूनिवर्सिटी (एमजीएसयू) के इतिहास विभाग में आकर भारतीय विश्वविद्यालयों की शिक्षा पद्धति व अध्यापन शैली को जाना और समझा। साथ ही विद्यार्थियों के साथ संवाद किया। इतिहास विभाग की सह प्रभारी डॉ. मेघना शर्मा ने बताया कि सर्वप्रथम इतिहास विभाग के सदस्यों द्वारा विदेशी मेहमान का शॉल, उपरिया व स्मृति चिन्ह भेंट कर स्वागत सत्कार किया गया।
विभागाध्यक्ष प्रो. अनिल कुमार छंगाणी ने ऐसे आयोजनों को संस्कृति समन्वय के लिए महत्वपूर्ण बताया व कहा कि सम्पूर्ण विश्व समुदाय आज भारत के सांस्कृतिक मूल्यों को सराह रहा है। डॉ शर्मा ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि सुंग कोरिया में मिनिएचर पेंटिंग आर्ट के विशेषज्ञ होने के साथ-साथ भारतीय इतिहास में भी रुचि रखते हैं। उल्लेखनीय बात ये रही कि उन्होंने नमस्ते, राम-राम सा और बहुत धन्यवाद जैसे हिन्दी शब्द बोलकर सभी का अभिवादन किया।
डॉ. मेघना शर्मा ने सुंग को अपने द्वारा संपादित महिला अध्ययन विषयक पुस्तक भी भेंट की। विभाग द्वारा उन्हें विश्वविद्यालय में चलने वाले पाठ्यक्रमों से अवगत करवाया गया। सुंग ने अपनी चर्चा में राजस्थान में महिलाओं की स्थिति व किशनगढ़ शैली के चित्रकला पर अपनी बात रखी व कहा कि कोरिया में प्रकृति चित्रण को कलाकार विशेष महत्व देते हैं।
इस अवसर पर अतिथि शिक्षक डॉ मुकेश हर्ष, डॉ. गोपाल व्यास, पवन रांकावत, रिंकू जोशी, तुलछाराम आदि उपस्थित रहे। विद्यार्थी वर्ग से भूमिका स्वामी, हिमांशु गहलोत, सुनील, अब्दुल हक़ ने भारतीय संस्कृति और इतिहास व युवाओं की भूमिका पर सुंग से संवाद के दौरान अपनी बात रखी। इसके बाद विद्यार्थियों ने कोरियन शिक्षाविद को विश्वविद्यालय परिसर भी दिखाया।



