









जयपुर Abhayindia.com प्रदेश में करौली, जोधपुर और फिर भीलवाड़ा में हुए दंगों की जांच के लिए सरकार ने स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) का गठन किया है। एसआईटी तीनों शहरों में दंगों से जुड़े प्रत्येक पहलू की जांच करेगी। जांच में यह भी शामिल होगा कि दंगे करवाने में कहीं बाहरी तत्वों का तो हाथ नहीं था।
आपको बता दें कि अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक बीजू जार्ज जोसेफ के नेतृत्व में छह सदस्यीय टीम तीनों शहरों का दौरा कर अब तक स्थानीय पुलिस द्वारा की गई जांच और पकड़े गए आरोपितों के बारे में भी जानकारी करेगी। इस बीच, जोधपुर में शनिवार को भी कर्फ्यू जारी रहा। जोधपुर जिला कलक्टर हिंमाशु गुप्ता ने बताया कि शहर के दस पुलिस थाना क्षेत्रों में सुबह आठ से दोपहर बारह बजे तक कर्फ्यू में ढील दी गई। छूट की अवधि के दौरान सार्वजनिक स्थानों पर पांच या इससे अधिक लोगों को एकत्रित नहीं होने दिया गया।
पुलिस आयुक्त नवज्योति गोगई ने बताया कि अब तक 23 एफआईआर (प्राथमिकी सूचना रिपोर्ट) दर्ज हो चुकी है। शांति भंग करने के आरोप में भारतीय दंड संहिता की धारा 227 को गिरफ्तार किया गया, जिनमें से अधिकांश को जमानत पर रिहा कर दिया गया है। अब तक 23 दंगाइयों की पहचान कर नामजद मामले दर्ज किए गए हैं।
पुलिस महानिदेशक एम.एल. लाठर ने एसआईटी गठित करने को लेकर आदेश जारी किए हैं। इस आदेश के अनुसार नव संवत्सर पर करौली और ईद के एक दिन पहले जोधपुर में शुरू हुए दंगों के आपस में सम्बन्ध की जांच की जाएगी। जोधपुर में कर्फ्यू के दौरान ही भीलवाड़ा में दंगा फैलाने के प्रयास की भी जांच की जाएगी। तीनों शहरों में षडयंत्र और योजना के सम्बन्ध में जांच की जाएगी। एसआईटी में पुलिस महानिरीक्षक राजेन्द्र सिंह, एसओजी के पुलिस अधीक्षक गौरव यादव, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक किशोर बुटोलिया, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक चक्रवती सिंह और उप अधीक्षक रामचन्द्र शामिल है।
पुलिस की अब तक की जांच में माना जा रहा है कि तीनों शहरों में सोची–समझी साजिश के तहत कुछ तत्वों ने दंगे करवाए थे। इन तत्वों के बारे में अधिकारिक खुलासा जांच पूरी होने के बाद ही किया जाएगा। एसआईटी गठित करने का मुख्य कारण भी यह है कि तीनों जिलों के घटनाओं की समीक्षा की जाए। देखा जाएगा की तीनों घटनाओं में समानता क्या रही। उपद्रव करने वालों को किन लोगों न भड़काया, पथराव और आगजन की। लाठर ने बताया कि जांच करना बहुत जरूरी है। यह भी जांच की जाएगी कि घटना घटित होने के कितने समय बाद पुलिस सक्रिय हुई।





