Sunday, May 19, 2024
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राजस्थान बिजली उत्पादन में बनेगा आत्म निर्भर, 86.99 करोड़ रुपये के कार्यों की रखी आधारशिला

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जयपुर Abhayindia.com ऊर्जा राज्य मंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के विकास की योजनाओं को गति दे रही है। इसके लिए 100 दिवसीय कार्ययोजना पर प्राथमिकता से अमल किया जा रहा है। विकास परियोजनाओं का जल्द क्रियान्वयन हो और आम जनता को इनका शीघ्र लाभ मिले, यह सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है। नागर शुक्रवार को बूंदी जिला स्थित जरखोदा में आयोजित विद्युत विकास कार्यों के शिलान्यास समारोह को सम्बोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश में किसानों को प्रतिदिन 8 घंटे तथा आम उपभोक्ताओं को 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराने का संकल्प लिया है और इस दिशा में हम पूरी इच्छाशक्ति से काम कर रहे हैं। कुछ दिन पहले ही प्रदेश के 3 बिजली निगमों ने 6 केन्द्रीय उपक्रमों के साथ 1 लाख 60 हजार करोड़ रूपए के एमओयू किए हैं। इनसे आने वाले समय में 32 हजार मेगावाट अतिरिक्त बिजली का उत्पादन होगा और राजस्थान बिजली उत्पादन में न केवल आत्मनिर्भर बल्कि सरप्लस राज्य बन जाएगा।

विकसित होगा आदर्श सौर गांव

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी ने देश में सौर उर्जा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए पीएम सूर्यघर बिजली योजना जैसी महत्वाकांक्षी योजना प्रारंभ की है। इस योजना में देश में एक करोड घरों की छतों पर सोलर पैनल लगाए जाएंगे। इससे प्रत्येक घर के लिए 300 यूनिट तक बिजली फ्री होगी। मोदी ने इसके लिए 75 हजार करोड़ रूपए के बजट का प्रावधान किया है।

योजना के तहत प्रत्येक जिले में एक आदर्श सौर गांव विकसित किया जाएगा। प्रदेश में 5 लाख घरों में रूफटॉप सोलर लगाए जाएंगे। प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग यूनिट के माध्यम से योजना की त्वरित क्रियान्विति सुनिश्चित की जाएगी। योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदक अपना पंजीकरण पीएम सूर्यघर पोर्टल तथा मोबाइल एप्लीकेशन पर करा सकते हैं। उन्होंने क्षेत्र वासियों से अनुरोध किया कि वे भी अपने घरों में सोलर पैनल लगाएं और योजना का लाभ उठाएं।

उन्होंने कहा कि योजना के सफल क्रियान्वयन तथा उपभोक्ताओं की सहायता के लिए सहायक अभियंता कार्यालयों में हेल्पडेस्क स्थापित करने के निर्देश दिए गए हैं। अधिकारियों-कर्मचारियों को भी प्रशिक्षित किया जा रहा है। अब तक तीनों डिस्कॉम में 1 लाख 12 हजार 739 रजिस्ट्रेशन करवाए जा चुके हैं। पीएम कुसुम कंपोनेंट सी योजना में ग्रिड सब स्टेशन के समीप बंजर एवं अनुपयोगी भूमि पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के काम को गति दी जा रही है। किसान भाई इसके माध्यम से दिन में बिजली प्राप्त करने के अतिरिक्त बिजली बेचकर लाभ भी कमा सकेंगे।

उन्होंने कहा कि नवीन एवं केन्द्रीय नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने वर्ष 2019-20 में पीएम कुसुम कंपोनेंट बी योजना प्रारंभ की थी। इसके अन्तर्गत ऐसे किसान, जिनके पास सिंचाई के लिए कृषि बिजली कनेक्शन नहीं है और डीजल पंप संयंत्रों अथवा अन्य वैकल्पिक साधनों पर आश्रित हैं, उन्हें सिंचाई के लिए सौर ऊर्जा पंप अनुदान पर उपलब्ध कराए जाते हैं। इस योजना में सौर ऊर्जा पंप लगाने के लिए किसान को 60 प्रतिशत तक अतिरिक्त अनुदान दिया जाता है। अनुसूचित जाति एवं जनजाति के किसानों को राज्य मद से 45 हजार रुपए प्रति कृषक प्रति पंप अनुदान का प्रावधान किया गया है। साथ ही टीएसपी क्षेत्र के अनुसूचित जनजाति किसानों हेतु 3 व 5 हॉर्स पावर सोलर पंप पर शत-प्रतिशत अनुदान देय है। इस प्रकार राज्य सरकार सौर उर्जा पंपों को बढ़ावा देने के लिए तमाम प्रयास कर रही है।

उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं तक गुणवत्तायुक्त बिजली पहुंच सके, इसके लिए हमारी सरकार बिजली के प्रसारण तंत्र को सुदृढ़ बनाने की दिशा में काम कर रही है। हमने प्रसारण तंत्र को मजबूत करने के लिए एक सप्ताह पूर्व ही केन्द्रीय उपक्रम पावर ग्रिड के साथ 10 हजार करोड़ रू. का एमओयू किया है। प्रदेश में वित्त वर्ष 2024-25 में 220 केवी के 4 एवं 132 केवी के 26 जीएसएस का निर्माण प्रस्तावित है। इस पर 811 करोड़ रूपए का व्यय होना संभावित है। इन ग्रिड सब स्टेशनों के बनने से विद्युत प्रसारण तंत्र मजबूत होगा। विद्युत छीजत में कमी आएगी और उपभोक्ताओं को बिजली आपूर्ति में सुधार होगा। राज्य सरकार ने ऊर्जा एमनेस्टी योजना प्रारंभ की है। इसमें जिन उपभोक्ताओं के कनेक्शन कटे हुए हैं, उनके ब्याज एवं पेनल्टी माफ करने का प्रावधान है।

नागर ने कहा कि मात्र तीन महीने में ही राज्य सरकार ने समाज के हर वर्ग के हित में एक से बढ़कर एक शानदार फैसले लिए हैं। किसान भाइयों को गेहूं के समर्थन मूल्य पर 125 रूपए प्रति क्विंटल का बोनस हमारी सरकार दे रही है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में राशि 6 हजार रूपए वार्षिक से बढ़ाकर 8 हजार रूपए वार्षिक की गई है। लेखानुदान बजट में सरकार ने प्रदेश के युवाओं को रोजगार के लिए 70 हजार पदों पर भर्तियां करने की घोषणा की है। राज्य में 73 लाख परिवारों को मात्र 450 रूपए में गैस सिलेंडर दिया जा रहा है। पेपर लीक के मामलों की जांच के लिए सरकार ने एसआईटी बनाई है। युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने वाले पेपर माफियाओं के खिलाफ राज्य सरकार ने सख्त कार्रवाई कर उन्हें बेनकाब किया है। राज्य सरकार ऐसे पेपर माफियाओं को नहीं बख्शेगी। रामलला के दर्शन के लिए प्रदेश के सात संभाग मुख्यालयों से रोडवेज बस सेवा प्रारंभ की गई है।

विद्युत तंत्र होगा सुदृढ़

ऊर्जा राज्यमंत्री ने कहा कि इन दोनों जीएसएस के निर्माण से इस क्षेत्र में विद्युत प्रसारण तंत्र सुदृढ़ होगा। किसानों तथा आम उपभोक्ताओं को बिजली की निर्बाध आपूर्ति हो सकेगी। उन्होंने कहा कि जरखोदा में 132 केवी जीएसएस के निर्माण पर लगभग 24 करोड़ तथा जजावर में 220 केवी ग्रिड सब स्टेशन के निर्माण पर करीब 59 करोड़ 51 लाख रूपये की राशि खर्च की जाएगी। नैनवां उपखंड क्षेत्र में विद्युत प्रसारण तंत्र को मजबूत करने के लिए इन दोनों जीएसएस के निर्माण पर कुल 84 करोड़ रूपए की लागत का अनुमान है।

नागर ने कहा कि जजावर में 220 ग्रिड सब स्टेशन के बनने से जजावर, दबलाना, नैनवां, सीसोला, रूणीजा, रेण, कुम्हरला एवं इनसे जुड़े गांवों की बिजली आपूर्ति में सुधार होगा। इससे करीब 1 करोड़ 89 लाख यूनिट बिजली की छीजत में कमी आएगी तथा 16 करोड़ रूपए के वार्षिक राजस्व की बचत होगी। इसी तरह जरखोदा में जीएसएस के बनने से 22 लाख यूनिट से अधिक बिजली की छीजत में कमी आएगी और हर साल 1 करोड़ 88 लाख रूपए के राजस्व की बचत हो सकेगी। इससे जरखोदा, खजूरी, मन्नी, खेड़ी इससे जुड़े गांवों के किसानों एवं आम उपभोक्ताओं को बिजली की बेहतर आपूर्ति हो सकेगी। इस जीएसएस के बनने से करीब 28 लाख 62 हजार यूनिट बिजली की प्रति वर्ष छीजत मेें कमी आयेगी। जिससे 2 करोड़ 40 लाख रूपये के वार्षिक राजस्व की बचत हो सकेगी।

विकास कार्यों की रखी आधारशिला

ऊर्जा राज्यमंत्री ने जरखोदा में आयोजित कार्यक्रम में 86.99 करोड़ की लागत के विकास कार्यों की आधारशिला रखी। इसमें करवर में 1.50 करोड़ की लागत का सहायक अभियंता कार्यालय भवन, 1.84 करोड़ लागत का बालापुरा 33/11 केेवी जीएसएस, 24 करोड़ की लागत से जरखोदा में बनने वाला 132 केवी जीएसएस तथा 59.51 करोड़ लागत से जजावर में निर्मित होने वाला 220 केवी ग्रिड सब स्टेशन शामिल है।

इस अवसर पर पूर्व कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी ने कहा कि राज्य सरकार ने तीन महीनों का रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत किया है, जिसमें अब तक बेहतरीन कार्य किया गया है। उन्होंने कहा कि किसानों की तरक्की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्राथमिकता में है। उन्होंने कहा कि किसान सम्मान निधि से किसानों को राहत मिली है। राज्य में 2 लाख 40 हजार करोड़ से ज्यादा की राशि किसानों के खातों में डीबीटी के माध्यम से आई है।

कार्यक्रम में केशवरायपाटन पूर्व विधायक चंद्रकांता मेघवाल ने कहा कि क्षेत्र में होने वाले विद्युत विकास कार्यों से बिजली की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित होगी। उन्होंने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकार मिलकर राजस्थान के सर्वांगीण विकास के लिए तेजी से कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने किसान, मजदूर सहित हर वर्ग के कल्याण के लिए अनेकों योजनाएं संचालित की है।

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