जयपुर Abhayindia.com राजस्थान के लगभग 1 लाख सेवानिवृत्त एवं कार्यरत कार्य प्रभारित कार्मिकों को बड़ी सौगात मिली है। अब ऐसे कार्मिक राज्य सरकार के नियमित कार्मिकों की श्रेणी में आ जाएंगे। इन्हें 17 फरवरी 1995 से ही पदोन्नति के अवसर एवं कार्य की गरिमा के अनुरूप उपयुक्त नवीन पदनाम मिलेंगे।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में रविवार को मुख्यमंत्री निवास पर मंत्रिमंडल की बैठक में इस सम्बंध में संवेदनशील निर्णय लिया गया है। बैठक में जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी, सार्वजनिक निर्माण, जल संसाधन एवं वन विभाग के अधीनस्थ सेवा नियमों में कार्य प्रभारित कर्मचारियों के नवीन पदनामों एवं पदोन्नति पदों को सम्मिलित करने सम्बंधित संशोधन का अनुमोदन किया गया।
संवेदनशील निर्णय से मिली खुशियां : लगभग 28 वर्षों से पदोन्नति नहीं मिलने से कार्य प्रभारित कार्मिक प्रारम्भिक नियुक्ति पद (चौकीदार, खलासी, रेस्ट हाउस कीपर, बेलदार, मजदूर, फर्राश) से ही सेवानिवृत्त हो रहे थे। अब विभागीय सेवा नियमों की परिधि में आने से इन्हें उपयुक्त नवीन पदनाम और पदोन्नति दी जाएगी। उल्लेखनीय है कि वर्ष 1995 के बाद से इनकी पदोन्नति नहीं हो पाई थी।
बजट 2023-24 में की गई थी घोषणा : मुख्यमंत्री द्वारा बजट वर्ष 2023-24 में इस संबंध में घोषणा की गई थी। साथ ही, राज्य सरकार द्वारा कार्मिकों को नवीन पदनाम एवं पदोन्नति पद निर्धारित कर वेतनमान नियमों एवं अधीनस्थ सेवा नियमों में संशोधन करने के दिशा-निर्देश भी जारी किए गए थे।
नियमों के प्रारूप को मिली स्वीकृति : मंत्रिमंडल ने राजस्थान वन अधीनस्थ सेवा (संशोधित) नियम-2023, राजस्थान अधीनस्थ अभियांत्रिकी (भवन व पथ शाखा) सेवा नियम-1973 में संशोधन, राजस्थान अभियांत्रिकी अधीनस्थ सेवा (सिंचाई शाखा) (संशोधित) नियम-2023 तथा राजस्थान अभियांत्रिकी अधीनस्थ सेवा (जन स्वास्थ्य शाखा) (संशोधित) नियम-2023 के प्रारूप का अनुमोदन किया है।