









जयपुरabhayindia.com अगले साल तक उत्तर पश्चिमी रेलवे जॉन में सभी ट्रेनें विद्युतीकृत लाइनों पर दौड़ेगी। रेलवे इस कार्य में जोर-शोर से जुटा है।
उत्तर पश्चिम रेलवे पर वर्ष 2021-22 में पर्यावरण अनूकुल रेल संचालन के लिए 305 किलोमीटर ब्राडगेज लाइनों का विद्युतीकरण का कार्य पूरा कर लिया है। रेलवे 2023 तक सभी रेल लाइनों के विद्युतीकरण करने के लिए लक्ष्यानुसार कार्य किया जा रहा है। अब तक कुल 2489 किलोमीटर विद्युतीकरण कार्य पूर्ण किया जा चुका है।
उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण के अनुसार महाप्रबन्धक विजय शर्मा के दिशा-निर्देशन में उत्तर पश्चिम रेलवे पर रेल विद्युतीकरण का कार्य तीव्र गति से किया जा रहा है। इस रेलवे पर विद्युतीकरण के कार्य को बीते साल के बजट में प्राथमिकता प्रदान की गई है। सम्पूर्ण उत्तर पश्चिम रेलवे पर विद्युतीकरण का कार्य स्वीकृत हो गया है। उत्तर पश्चिम रेलवे पर अब तक 2489 किलोमीटर रेल लाइन पर विद्युतीकरण का कार्य पूर्ण कर लिया गया है।
उत्तर पश्चिम रेलवे पर वर्ष 2021-22 में 15 जनवरी तक 305 किलोमीटर रेलखण्ड के विद्युतीकरण का कार्य पूरा किया गया। उत्तर पश्चिम रेलवे के महत्वपूर्ण रेलखण्ड रेवाड़ी-अजमेर वाया फुलेरा और रेवाड़ी-अजमेर वाया जयपुर से पालनपुर होते हुए अहमदाबाद तक इलेक्ट्रिक ट्रेक्शन पर यात्री रेलसेवाओं का संचालन किया जा रहा है। इसके साथ ही अजमेर से उदयपुर मार्ग का भी विद्युतीकरण कार्य पूर्ण हो गया है, राजस्थान के प्रमुख पर्यटक स्थल उदयपुर का जुड़ाव अजमेर, जयपुर और दिल्ली से इलेक्ट्रिक ट्रेक्शन से सम्पर्क स्थापित हो गया है।
उत्तर पश्चिम रेलवे पर इस वर्ष अजमेर-दौराई, ब्यावर-गुडिया, मदार-बाईपास-आदर्शनगर, नोहर-हनुमानगढ़, चूरू-रतनगढ़ एवं रींगस-सीकर-झुझुंनू रेल मार्ग का विद्युतीकरण पूर्ण किया गया है। इसके अतिरिक्त फुलेरा-जोधपुर व हनुमानगढ़-श्रीगंगानगर रेलमार्ग के विद्युतीकरण का कार्य शुरू कर वर्ष 2023 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है।
सस्ती दरों पर बिजली खरीद…
सस्ती दर पर बिजली खरीद के लिए उत्तर पश्चिम रेलवे के राजस्थान में 6 ट्रेक्शन सब स्टेशनों (राजगढ, रींगस, किशनगढ़, बर, खिमेल एवं नावां) एवं गुजरात में श्रीअमीरगढ ट्रेक्शन सब स्टेशन पर पावर सप्लाई ओपन एक्सेस के माध्यम से खरीदी जा रही है।
यह मिलेगा फायदा…
-डीजल इंजन के धुएं से होने वाले प्रदुषण से मुक्ति।
-विद्युत इंजनों की लोड क्षमता अधिक होने के कारण अधिक भार वहन।
-अधिक ट्रेनों का संचालन संभव।
-ईंधन आयात पर निर्भरता में कमी।
-इलेक्ट्रीक ट्रेनोंं की परम्परागत ट्रेनों से इसकी औसत गति अधिक होती है।
-डीजल की अपेक्षा बिजली की लागत कम होने से राजस्व की बचत।





