








बीकानेर Abhayindia.com सरकारी शिक्षकों को अब निजी अस्पतालों की ओर से जारी स्वास्थ्य प्रमाण पत्र भी मान्य होंगे। लेकिन, इसके लिए वे ही चिकित्सालय मान्य होंगे, जो आरजीएचएस से अनुमोदित है। माध्यमिक शिक्षा विभाग के लेखाधिकारी ने गुरुवार को इस आशय के आदेश जारी किए हैं।
प्रदेश के सभी संयुक्त निदेशकों एवं जिला शिक्षा अधिकारियों को भेजे आदेश में कहा गया है कि वित्त विभाग द्वारा जिन निजी चिकित्सालयों को राजकीय कर्मचारियों के उपचार के लिए अधिकृत किया है, उन अधिकृत निजी चिकित्सालयों को चिकित्सा प्रमाण पत्र जारी करने की अनुमति जारी की गई है। इसके लिए किसी आउटडोर रोगी को अधिकतम 15 दिवस की अवधि के लिए चिकित्सा प्रमाण–पत्र चिकित्सा परामर्शदाता द्वारा दिया जा सकता है। जबकि, 15 दिवस से अधिक अवधि के लिए लेकिन, 30 दिवस तक का चिकित्सा प्रमाण–पत्र वरिष्ठ चिकित्सा परामर्शदाता एवं इससे ऊपर के अधिकारी देने में समक्ष होगे। इसके अलावा 30 दिवस से अधिक के लिए किन्तु 45 दिवस तक का चिकित्सा प्रमाण–पत्र जारी का अधिकार वरिष्ठ विशेषज्ञ, पीएमओ, एसोसिएट प्रोफेसर तथा प्रोफेसर के समान पद पर कार्यरत अधिकारी दे सकेंगे। इसी तरह 45 दिवस से अधिक के लिए चिकित्सा प्रमाण–पत्र केवल मेडिकल बोर्ड द्वारा ही दिया जाएगा। इसमें मूल अवधि भी शामिल होगी।
आपको बता दें कि इस संबंध में राजस्थान शिक्षक संघ (शेखावत) ने शिक्षा निदेशक को ज्ञापन देकर मांग की थी। संघ के प्रदेश मंत्री श्रवण पुरोहित एवं जिलाध्यक्ष भंवर पोटलिया के अनुसार, छह दिसंबर को शिक्षा निदेशक को ज्ञापन दिया था। इसमें आरजीएचएस से अधिकृत निजी चिकित्सालयों से स्वास्थ्य प्रमाण पत्र जारी करने की मांग की गई थी।





