अखबार की कतरन और इल्म की उतरन कभी भी साहित्य नहीं होती : शीन काफ निज़ाम
बीकानेर abhayindia.com साहित्य की रचना समाज या सियासत के लिए नहीं, बल्कि संस्कृति के उन्नयन के लिए की जाती है। जब साहित्य समाज की अपेक्षाओं के अनुसार अथवा सियासत की मांग के अनुसार लिखा जाने लगे तब वह अपना अदब खोने लगता हैं। ये उद्बोधन उर्दू के ख्यातनाम शायर शीन काफ़ निज़ाम ने बीकानेर प्रौढ़ शिक्षण समिति की … Continue reading अखबार की कतरन और इल्म की उतरन कभी भी साहित्य नहीं होती : शीन काफ निज़ाम
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