बीकानेर abhayindia.com… बीकानेर के राजकीय मुद्राणलय(सरकारी प्रेस) में कभी सरकारी महकमे में उपयोग में ली जाने वाली स्टेशनरी, बैलेट पेपर सहित सरकारी दस्तावेज छापने वाली मशीनें आज ठप पड़ी है।
सरकारी उदासीनता के चलते करोड़ों की मशीनें धूल फांक रही है। आज के आधुनिक युग में जहां छपाई सरीखे कार्य में भी तकनीकी बदली है, तो बीकानेर में स्थित रियासकालीन राजकीय मुद्राणलय में ऑफसैट मशीनें भी है, तो विदेशों से लाई गई हेरिटेज मशीनें भी है।
खासबात यह है कि जो मशीनें एक शताब्दि पुरानी होने जा रही है, वो भी चालू स्थिति में है। सरकारी प्रेस में लगभग 29 मशीनें है, आज भी सभी चालू है, लेकिन सरकार उनका उपयोग ही नहीं कर रही है। इसलिए मशीनें जंग खा रही है। यही नहीं इनको संचालित करने वाले कार्मिक भी है। लेकिन उनके पास सिवाय ठाले बैठे रहने के कोई विकल्प नहीं है।
मार्च 2018 से बंद…
सूत्रों से मिली जानकारी 31 मार्च 2018 में सरकारी प्रेस पूरी तरह से बंद कर दी गई। इसमें कार्यरत अधिकांश कार्मिकों को प्रतिनियुक्तियों पर दूसरे विभागों में लगाया गया, कुछ एक सेवानिवृत्त हो गए।
वर्तमान में कार्मिक..
प्रेस के 45 कार्मिकों में से वर्तमान में प्रेस में कार्यरत कार्मिकों में नौ लोगों ने न्यायालय से स्थगत(स्टे) ले रखा है, दो कार्मिक कार्यरत है। शेष कर्मचारियों को प्रतिनियुक्तियों पर लगा रखा है। जो यहां पर कार्यरत है उनका वेतन जयपुर से बनता है, उन्हें वेतनमान का लाभ भी दिया जा रहा है। लेकिन यहां पर किसी तरह का काम नहीं होने से कार्मिकों में मायुसी है।