Thursday, March 28, 2024
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गहलोत सरकार का निर्णय, छात्राओं की प्रोत्साहन राशि तीन गुणा बढ़ाई, अब मिलेंगे 40 हजार तक

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जयपुर Abhayindia.com कृषि क्षेत्र में बुवाई से लेकर रोपण, सिंचाई, कटाई और भंडारण जैसे कार्यों में महिलाएं अग्रणी भूमिका निभाती हैं। इस क्षेत्र में उनके सशक्तिकरण और प्रभावी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कृषि अध्ययनरत छात्राओं को प्रोत्साहन योजना’ में नवाचार करते हुए बजट घोषणा 2023-24 में राजस्थान युवा कृषक कौशल व क्षमता संवर्द्धन मिशनकी शुरुआत की है। इसके तहत छात्राओं को दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि में तीन गुणा तक बढ़ोतरी की गई है।

इस मिशन के माध्यम से कृषि शिक्षा के प्रति छात्राओं का रुझान बढ़ाने एवं बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार ने प्रोत्साहन राशि में बढ़ोतरी की है। मिशन के तहत कृषि में अध्ययनरत छात्राओं को 11वीं कक्षा से लेकर पीएचडी तक मिल रही 5 हजार से 15 हजार की राशि को बढ़ाकर अब 15 हजार से लेकर 40 हजार रुपये प्रतिवर्ष कर दिया गया है। राज्य सरकार का उद्देश्य है कि बालिकाएं कृषि के क्षेत्र में नवीनतम विधाओं का अध्ययन करें और औपचारिक शिक्षणप्रशिक्षण प्राप्त करें, जिससे न केवल परिवार की आय बढ़ेगी बल्कि वे राज्य और देश की समृद्धि में भी योगदान देंगी।

कृषि संकाय चुनने पर प्रोत्साहन : कृषि आयुक्त कानाराम ने बताया कि मिशन के तहत राज्य में कृषि विषय लेकर अध्ययन करने वाली 11वीं एवं 12वीं कक्षा की छात्राओं को प्रतिवर्ष 5 हजार रुपये से बढ़ाकर 15 हजार की राशि प्रदान की जाएगी। कृषि विज्ञान से स्नातक के विषयों जैसे कि उद्यानिकी, डेयरी, कृषि अभियांत्रिकी, खाद्य प्रसंस्करण के साथ ही स्नातकोत्तर (एम.एस.सी. कृषि) में अध्ययन करने वाली छात्राओं को 12 हजार रुपये से बढ़ाकर 25 हजार रुपये प्रतिवर्ष दिये जाएंगे। इसी प्रकार कृषि विषय में पीएचडी करने वाली छात्राओं को 15 हजार रुपये से बढ़ाकर 40 हजार रुपये प्रतिवर्ष (अधिकतम 3 वर्ष) प्रोत्साहन राशि दिये जाने का प्रावधान किया गया है।

मिशन से 84 हजार 583 छात्राएं लाभान्वित : कानाराम ने बताया कि इस मिशन के तहत गत 4 वर्षों में (17-दिसंबर 2018 से मार्च 2023 तक) अध्ययनरत 84 हजार 583 छात्राओं को कुल 55 करोड़ 17 लाख 87 हजार रुपये का प्रोत्साहन दिया गया है। जिसमें वर्ष 2018-19 में 11 हजार 605 छात्राओं को 7 करोड़ 87 लाख 69 हजार रुपये का आर्थिक संबल दिया गया है। इसी प्रकार वर्ष 2019-20 में 15 हजार 780 छात्राओं को 9 करोड़ 30 लाख 6 हजार रुपये का, वर्ष 2020-21 में 14647 छात्राओं को 10 करोड़ 75 लाख 23 हजार रुपये का, वर्ष 2021-22 में 20 हजार 867 छात्राओं को 12 करोड़ 84 लाख 56 हजार का रुपये प्रोत्साहन देकर लाभान्वित किया गया है। इसी प्रकार वर्ष 2022-23 में 21 हजार 684 छात्राओं को 14 करोड़ 40 लाख 33 हजार रुपये का आर्थिक संबल दे कर कृषि संकाय लेने के लिए प्रोत्साहित किया गया है।

बढ़ते हुए आंकड़े बताते हैं कि राज्य सरकार की यह मुहिम छात्राओं को कृषि संकाय चुनने के लिए लाभकारी सिद्ध हो रही हैं। इससे न केवल छात्राएं कृषि के क्षेत्र में नवाचार कर रही है बल्कि देश में भी अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर रही हैं।

मिशन में कौन कर सकता है आवेदन : मिशन में आवेदन करने के लिए छात्रा का राजस्थान का मूल निवासी होना तथा किसी भी राजकीय एवं राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त विद्यालय, महाविद्यालय या विश्वविद्यालय में कृषि संकाय में अध्ययनरत होना आवश्यक है।

आवश्यक दस्तावेज : कृषि में अध्ययनरत छात्राओं को राजस्थान युवा कृषक कौशल व क्षमता संवर्द्धन मिशन में आवेदन करते समय आवश्यक दस्तावेज जैसे जन आधार कार्ड, गत वर्ष की अंकतालिका और मूल निवास प्रमाण पत्र ऑनलाइन अपलोड करना होता है।

कैसे करें आवेदन : मिशन में आवेदन की इच्छुक छात्राएँ ईमित्र के माध्यम से अथवा स्वयं की एस.एस.. आई.डी. से राज किसान साथी पोर्टल पर प्रोत्साहन राशि के लिए आवेदन कर सकती हैं। योजना अथवा आवेदन के संबंध में कोई भी जानकारी प्राप्त करने के लिए छात्राएं निकट के किसान सेवा केंद्र पर कृषि पर्यवेक्षक या सहायक कृषि अधिकारी या जिला स्तर पर उप निदेशक कृषि (विस्तार) से भी सम्पर्क कर सकती हैं।

कृषि संकाय चुनने पर दिव्या और कंचन को मिला संबल : कृषि संकाय में स्नातकोत्तर की शिक्षा प्राप्त कर रही दिव्या गुर्जर, जोबनेर जयपुर स्थित श्री कर्ण नरेंद्र कृषि विश्वविद्यालय में एमएससी द्वितीय वर्ष की छात्रा है। वे बताती हैं कि योजना के तहत बीएससी के चारों वर्ष में राज्य सरकार द्वारा 12 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी गई थी। इसके बाद एमएससी में कृषि संकाय में प्रवेश लेने के बाद भी उन्हें दोनों वर्ष 12 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी गई है। वे बताती हैं कि उन्हें शुरू से ही कृषि के क्षेत्र में अपना भविष्य बनाने की इच्छा थी। वे चाहती थीं कि वे कृषि के क्षेत्र में उन्नत तकनीकों के बारे में जानें और उनके उपयोग से अपने परिवार की आय बढ़ाने में सहयोग करें। दिव्या कहती हैं कि वे पढ़ाई के साथसाथ किसानों को खेती करने की उन्नत तकनीकों, बीज, उर्वरक जैसी सहायक सामग्रियों के बारे में उचित जानकारी भी देती हैं।

इसी विश्वविद्यालय में अध्ययनरत बीएससी चतुर्थ वर्ष की छात्रा कंचन गंगानी भी इस योजना के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आभार जताते हुए नहीं थकतीं। वे कहती हैं कि इस योजना के कारण उन्हें कृषि विषय पढ़ने के लिए प्रोत्साहन मिला है। वे चाहती हैं कि वे कृषि की नवीनतम तकनीकों के बारे में ज्यादा से ज्यादा सीखें और इस क्षेत्र में कोई नवाचार करें। कंचन बताती हैं.कि उनके घर में पहले सब्जियां बाज़ार से खरीद कर लाते थे लेकिन अब वे घर में सब्जियां उगाती हैं, जिससे उन्हें घर में ही ताजी सब्जियां उपलब्ध होती हैं।

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