Sunday, October 6, 2024
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मकान बनाने से पहले ही हाउसिंग बोर्ड की जमीन पर हो गए कब्‍जे, एसओजी से जांच की मांग

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नागौर Abhayindia.com नागौर में ताऊसर रोड स्थित हाउसिंग बोर्ड की जमीन पर कब्‍जे का मामला अब गर्माने लगा है। आरएलपी के अध्‍यक्ष एवं नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सहित यूडीएच मंत्री व मुख्य सचिव को इस संबंध में पत्र लिखकर एसओजी से जांच कराने की मांग की है।

आपको बता दें कि ताऊसर रोड स्थित करीब 27 बीघा जमीन के मालिकाना हक से जुड़ा केस सुप्रीम कोर्ट में जीतने के बाद राजस्थान हाउसिंग बोर्ड ने मार्च-अप्रेल 2024 में लोगों को आवास बनाकर आवंटित करने के लिए ऑनलाइन आवेदन मांगे थे। हाउसिंग बोर्ड ने ‘मंडल का है यह सपना, सुंदर घर हो सबका अपना’ का स्लोगन दिया था। इसमें कुल 188 मकानों के लिए आवेदन मांगे गए, जिनमें मध्यम आय वर्ग-अ के 58 एवं मध्यम आर्य वर्ग-ब के 24 मकानों सहित आर्थिक दृष्टि से कमजोर आय वर्ग के 58 एवं अल्प आय वर्ग के 48 मकानों के लिए आवेदन मांगे।

आरएलपी सांसद बेनीवाल ने सीएम को लिखे पत्र में सांसद ने बताया कि जिला प्रशासन ऐसे माफियाओं के आगे बेबस नजर आ रहा है। चूंकि उक्त भूमि पर राजस्थान आवासन मंडल ने भूखंड देने की योजना निकाल रखी है और लोगों ने आवेदन भी कर दिए, जिसके एवज में आवेदन शुल्क भी लोगों ने जमा करवाया है।

उन्होंने बताया कि इस भूमि पर वर्षों पूर्व लोगों ने अवैध रूप से नामांतरण करवाया, लेकिन उस नामांतरण को जिला स्तर से लेकर हाईकोर्ट व सर्वोच्च न्यायालय ने गलत नामांतरण करवाने वालों के खिलाफ अपना निर्णय दिया था, लेकिन भू-माफियाओं ने अधिकारियों से व कुचामन की तत्कालीन अतिरिक्त जिला कलक्टर कलक्टर से मिलीभगत कर ली। इसको लेकर सांसद बेनीवाल ने मुख्यमंत्री से मांग की कि इस संवेदनशील मामले में राज्य सरकार तत्काल प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करवाकर जांच एसओजी से करवाए।

बेनीवाल ने कहा कि इस जमीन के नामांतरण से जुड़ी पत्रावली में एडीएम न्यायालय कुचामन सिटी ने सर्वोच्च न्यायालय के फैसले को ताक पर रखकर भू-माफियाओं को संरक्षित करने वाला जो निर्णय दिया, उससे न्याय व्यवस्था पर भी बड़ा सवाल खड़ा होता है। वहीं तत्कालीन जिला कलक्टर ने भी इस पत्रावली को किस विधिक आधार पर कुचामन ट्रांसफर किया, यह जांच का विषय है।

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