Friday, May 17, 2024
Hometrendingकार्यग्रहण नहीं करवाने पर उच्च न्यायालय ने लिया प्रसंज्ञान, विभाग को नोटिस...

कार्यग्रहण नहीं करवाने पर उच्च न्यायालय ने लिया प्रसंज्ञान, विभाग को नोटिस जारी

Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad

जोधपुर Abhayindia.com राजस्थान उच्च न्यायालय की एकलपीठ के न्यायाधीश डॉ. पुष्‍पेन्द्र सिंह भाटी ने उप वन संरक्षक (प्रशिक्षण) जोधपुर के कार्यालय मे सहायक प्रशासनिक अधिकारी के पद पर पदस्थापित भोपाल सिंह सोंलकी की रिट याचिका को अंतरिम रूप से ग्राहय करते हुए वन विभाग को नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया है।

मामले के अनुसार, भोपाल सिंह की पदौन्नति सहायक प्रशासनिक अधिकारी के पद पर 23.03.2022 को हुई थी। पदौन्नति के साथ ही उसको पदस्थापन प्रधान मुख्य वन सरंक्षक (वन बल प्रमुख) जयपुर द्वारा उप वन सरंक्षक जोधपुर के कार्यालय मे किया गया। याचिकाकर्ता के पदस्थापन आदेश में प्रधान मुख्य संरक्षक (वन बल प्रमुख) राजस्थान जयपुर द्वारा आदेश 05.05.2022 के आदेश से उप वन सरंक्षक जोधपुर के स्थान पर उपवन सरंक्षक (प्रशिक्षण) जोधपुर कर दिया गया।

याचिका कर्ता द्वारा 09. 05.2022 को अपनी उपस्थिति उप वन सरंक्षक (प्रशिक्षण) जोधपुर के कार्यालय में सहायक प्रशासनिक अधिकारी के पद पर प्रस्तुत की। उप वन सरंक्षक (प्रशिक्षण) जोधपुर द्वारा उसकी उपस्थिति लेने से इंकार करते हुए याचिकाकर्ता को यह आदेश दिया कि वह उप वन सरंक्षक जोधपुर के यहा आदेश 23.03.2022 के तहत पहले कार्यग्रहण करें व इसके पश्‍चात वहां से कार्य मुक्त होकर उप वन सरंक्षक (प्रशिक्षण) जोधपुर के यहा आदेश 05.05.2022 के तहत कार्यग्रहण करें क्योकि उसके आदेश 23.03.2022 के तहत पहले पदस्थापन उप वन सरंक्षक जोधपुर के यहा हुआ व संशोधित आदेश 05.05.2022 के तहत पदस्थापन उप वन सरंक्षक (प्रशिक्षण) जोधपुर में हुआ।

याचिकाकर्ता द्वारा उप वन सरंक्षक (प्रशिक्षण) जोधपुर को बार-बार निवेदन किया गया कि उसने दिनांक 23.03.2022 के आदेश के तहत उपवन सरंक्षक जोधपुर के यहां कार्यग्रहण किया ही नही व विभाग द्वारा आदेश दिनांक 05.05.2022 के आदेश से उसके पदस्थापन आदेश में प्रधान मुख्य वन सरंक्षक जयपुर द्वारा संशोधन करते हुए अब पदस्थापन उप वन संरक्षक (प्रशिक्षण) जोधपुर में कर दिया है व अब यह यहां अपनी उपस्थिति 09.05.2022 से लगातार दे रहा है अतः उसे कार्यग्रहण करवाया जावें।

याचिकाकर्ता द्वारा उप वन सरंक्षक (प्रशिक्षण) जोधपुर को लगातार निवेदन करने पर भी कार्यग्रहण नहीं करवाया गया। याचिकाकर्ता द्वारा उप वन सरंक्षक (प्रशिक्षण) जोधपुर द्वारा पिछले 22 महिनो से कार्यग्रहण नहीं करवाने पर उसने अपने उच्च अधिकारियों के समक्ष भी गुहार लगाई मगर याचिकाकर्ता को कार्यग्रहण आज दिनांक तक नहीं करवाया गया ना ही पिछले 22 महिनों से वेतन दिया गया। याचिकाकर्ता द्वारा नियमित रूप से कार्यालय के बाहर जाकर बैठना पड रहा है।

याचिकाकर्ता को उप वन सरंक्षक (प्रशिक्षण) जोधपुर द्वारा नियमित रूप से इस बाबत स्पष्‍टीकरण पूछा जा रहा है कि आप कार्यग्रहण नहीं कर रहे है व याचिकाकर्ता द्वारा यह लिखित जवाब दिया जा रहा है कि वह कार्यालय के बाहर रोजना 10 बजे से 5 बजे तक बैठा रहता है व उसी के द्वारा उसे कार्यग्रहण नही करवाया जा रहा है। विभाग द्वारा पिछले 22 महिनो से कार्यग्रहण नही करवाने व केवल उसे तंग व परेशान करने की नियत से नियमित नोटिस दिये जाने से उसने व्यथित होकर याचिकाकर्ता ने एक रिट् याचिका उसे कार्यग्रहण करवाने व पिछले 22 महिनों से वेतन नही देने के कारण अपने अधिवक्ता प्रमेन्द्र बोहरा के माध्यम से प्रस्तुत की।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता का उच्च न्यायालय के समक्ष तर्क था कि याचिका कर्ता द्वारा नियमित रूप से कार्यग्रहण करने व उच्च अधिकारियों से पिछले 22 महिनो से वेतन के लिए निवेदन किया जा रहा है। मगर उप वन संरक्षक (प्रशिक्षण) जोधपुर द्वारा उसे कार्यग्रहण नही करवाया जा रहा है और एक सहायक प्रशासनिक अधिकारी स्तर का कर्मचारी कार्यालय के बाहर बैठा रहता है व केवल नोटिस देकर उप वन संरक्षक (प्रशिक्षण) जोधपुर द्वारा उसे परेशान किया जा रहा है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता के तर्को से सहमत होते हुए उच्च न्यायालय की एकलपीठ के न्यायाधी-रु39या के याचिकाकर्ता की रिट याचिका को अंतरिम रूप से ग्राहय करते हुए वन विभाग

Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad
Ad
- Advertisment -

Most Popular