Friday, April 26, 2024
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राजस्‍थान में लम्‍पी रोग से नियंत्रण को लेकर गाइडलाइन जारी, जिला मुख्यालयों पर कंट्रोल रूम स्थापित

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जयपुर Abhayindia.com मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार पूरी गंभीरता व संवेदनशीलता के साथ पशुओं में फैल रहे लम्पी डिजीज पर नियंत्रण पाने के लिए कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि अभी यह बीमारी राज्य के लगभग 15 जिलों में फैल चुकी है, अब हमारी प्राथमिकता यह है कि सभी आमजन, जनप्रतिनिधि तथा विपक्ष के सहयोग से इस बीमारी को और अधिक जिलों में फैलने से रोका जाए। प्रशासन की त्वरित क्रियाशीलता के चलते संक्रमण एवं मृत्यु दर में कमी आई है।

गहलोत सोमवार को मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित लम्पी स्किन डिजीज की समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। इस बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सांसद, सभी जिलों के प्रभारी मंत्री, विधायकगण, सभी जिला कलक्टर्स, गौशाला प्रबंधक, पशुपालक, सरपंच, वार्ड पंच, स्थानीय निकायों के महापौर, चैयरमेन, पार्षद आदि जुड़े। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी को मिलकर गौवंश में फैली इस बीमारी का सामना करना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लम्पी स्किन रोगी मृत पशुओं के निस्तारण के संबंध में जिला कलक्टर्स को दिशा-निर्देश जारी किए जाएं। सभी जिलों में कंट्रोल रूम भी स्थापित किए जा चुके हैं। उन्होंने आयुर्वेद विभाग से सुझाव लेकर देशी ईलाज के गाइडलाइन जारी करने के निर्देश मुख्य सचिव को दिए। साथ ही, रोग को लेकर आमजन में फैल रही भ्रांतियों को दूर करने के लिए गांव-ढाणी तक जन-जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि गौशालाओं की साफ-सफाई, सोडियम हाइपोक्लोराइट के छिड़काव, फोगिंग तथा जेसीबी की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाए।

कोरोना की तर्ज पर चल रहा प्रबंधन

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोनाकाल में लोगों का जीवन बचाना हमारी प्राथमिकता रही और इसके लिए हमने पर्याप्त अक्सीजन, दवाईयों, बैड्स तथा अन्य चिकित्सा सुविधाओं का प्रबंध किया। इसके कारण राजस्थान में अन्य राज्यों के मुकाबले कम मौतें हुईं। इसी ढंग से हम लंपी स्किन डिजीज को भी पूरी गंभीरता से ले रहे हैं, जिससे कि गायों की मृत्यु की नौबत नहीं आए। उन्होंने कहा कि दवाइयों की कोई कमी नहीं आने दी जा रही है, वैक्सीन का अभी परीक्षण जारी है तथा विकल्प के रूप में गोट पॉक्स वैक्सीन का उपयोग किया जा रहा है। केन्द्रीय मंत्री श्री पुरूषोत्तम रूपाला ने विश्वास दिलाया कि राज्य को पूरी मदद दी जाएगी।

प्रदेशवासियों से मांगे सुझाव

गहलोत ने प्रदेशवासियों का आह्वान किया कि वे सरकार को लिखित में अथवा 181 पर इस रोग से बचाव तथा उपचार के सुझाव दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि लम्पी स्किन रोग की रोकथाम के लिए सभी जिला कलक्टर्स को जरूरत पड़ने पर बिना टेंडर दवाईयां खरीदने के आदेश जारी किए जा चुके हैं। युद्धस्तर पर इस महामारी के उपचार एवं रोकथाम के लिए पुख्ता प्रबन्ध करने के निर्देश दिए हैं। राज्य सरकार हर पशुपालक के साथ खड़ी है और सभी के सहयोग से इस संक्रमण से जल्द निजात पा सकेंगे।

गहलोत ने कहा कि गौवंश का संरक्षण और संवर्धन राज्य सरकार की प्राथमिकता है। सरकार द्वारा गौशालाओं के लिए अनुदान अवधि को 6 से बढ़ाकर 9 माह कर दिया गया है। गोपालन विभाग बनाकर गौवंश संवर्धन के लिए लगातार कार्य किए जा रहे हैं। राज्य सरकार की अपील पर बड़ी संख्या में भामाशाह व स्वंयसेवी संगठन सहयोग के लिए आगे आए हैं। उन्होंने कहा कि रोकथाम के लिए विधायक, महापौर, जिला प्रमुख, प्रधान, सरंपचों सहित सभी जनप्रतिनिधिगण अपने क्षेत्रों में दौरा कर पशुपालकों को जागरूक कर रहे हैं।

गहलोत ने कहा कि मुख्यतः प्रभावित जिले श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, चूरू, नागौर, पाली, बीकानेर, जैसलमेर, बाडमेर, सिरोही, जालौर व जोधपुर में संक्रमण व मृत्यु दर में कमी आई है। साथ ही, जयपुर, अजमेर, सीकर, झुंझुंनू व उदयपुर में स्थिति पर निरंतर मॉनिटरिंग की जा रही है। भैंसों में भी संक्रमण फैलने की आशंका को देखते हुए कड़ी निगरानी रखी जा रही है।

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी ने कहा कि रोगी मृत पशुओं के निस्तारण से ही संक्रमण का रूकना संभव है। इस कार्य में पंचायत स्तर तक के जनप्रतिनिधियों की अहम भूमिका है। गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने कहा कि कोरोना महामारी के समय किए गए प्रबंधन के समान ही अब पूरा प्रबंधन किया जा रहा है तथा राज्य सरकार इस बार भी अपने प्रयासों में सफल होगी।

सांसद देवजी पटेल ने राज्य सरकार के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए बीमारी के आयुर्वेद ईलाज के विकल्प की ओर भी ध्यान देने की बात कही। उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने भी राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रभावी प्रबंधन की सराहना की। साथ ही, गौशालाओं में आइसोलेशन एवं क्वारंटीन की सुविधा उपलब्ध करवाने का सुझाव दिया।

वीसी के माध्यम से जुड़े कृषि एवं पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि रोग के प्रभावी रोकथाम के लिए प्रदेश के सभी जिलों में लगातार मॉनिटरिंग जारी है। इसके परिणामस्वरूप रिकवरी रेट बढ़ रही है तथा मृत्यु दर कम हो रही है।

पूर्व शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि संकट की घड़ी में पक्ष हो या विपक्ष सभी को एकजुट होकर गौवंश में फैल रही बीमारी से संकल्पबद्ध होकर लड़ना है। राजस्थान गौसेवा आयोग के अध्यक्ष श्री मेवाराम जैन, विधायक खुशवीर सिंह, रूपाराम व बिहारी लाल बिश्नोई, फतेहपुर गौशाला के प्रतिनिधि दिनेश गिरि, कन्हैया गौशाला जोधपुर के प्रतिनिधि राजकुमार भंडारी एवं अन्य जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री व राज्य सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सभी जिलों में सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए संक्रमण को रोकने का हरसंभव प्रयास किया जा रहा है।

मुख्य सचिव उषा शर्मा ने कहा कि प्रभावी नियंत्रण के लिए पशुपालन मंत्री की अध्यक्षता में लगातार बैठकें की जा रही हैं। प्रभावित जिलों के कलक्टर्स के साथ समीक्षा बैठक करते हुए मिशन मोड में कार्य करने सहित आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं। पांच जिलों में मॉनिटरिंग बढ़ाई गई है। राजस्थान डेयरी फेडरेशन द्वारा 21 लाख गोट पॉक्स वैक्सीन खरीदने के निर्देश दिए हैं। अर्जेन्ट टेम्परेरी बेसिस पर 200 पशु चिकित्सकों एवं 300 पशुधन सहायकों की भर्ती की जा रही है।

बैठक में पशुपालन विभाग के शासन सचिव पी.सी. किशन ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से प्रदेश में लम्पी स्किन डिजीज की वास्तविक स्थिति से अवगत कराया। उन्होंने जनजागरूकता के लिए महत्वपूर्ण बिंदूओं के बारे में भी बताया।

वीसी में सभी जिलों के प्रभारी मंत्रियों ने अपने-अपने जिलों की स्थिति को मुख्यमंत्री के समक्ष रखा व रोग की रोकथाम के लिए सुझाव दिए। बैठक में प्रमुख शासन सचिव वित्त अखिल अरोरा, प्रमुख शासन सचिव पंचायतीराज अपर्णा अरोरा, प्रमुख शासन सचिव कृषि दिनेश कुमार, प्रमुख शासन सचिव स्वायत्त शासन कुंजीलाल मीणा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

जन जागरूकता के लिए महत्वपूर्ण बिन्दु…

-रोग के लक्षण दिखाई देते ही नजदीकी पशु चिकित्सालय में सूचना दें।

-रोगी पशु को स्वस्थ पशुओं से अलग बांध कर रखें तथा समय पर इलाज कराएं।

-रोग से बचाव एवं उपचार के लिए पारम्परिक/घरेलू उपचार भी किया जाना चाहिए।

-यह रोग कोरोना वायरस की तरह अपना रूप बदलकर नहीं फैलता है। यह रोग मच्छर-मक्खी/ चीचडों आदि से फैलता है।

-लम्पी स्किन रोग पशुओं से मनुष्यों में नहीं फैलता है।

-पशु गृह/गौशालाओं को संक्रमण से मुक्त करने के लिए सोडियम हाइपोक्लोराइट के 2 प्रतिशत घोल का छिड़काव किया जाना चाहिए।

-रोगी पशु को संतुलित पशु आहार/हरा पौष्टिक चारा खिलाएं।

-रोगी पशु के दूध को उबालकर काम में लिया जा सकता है।

-संक्रमित क्षेत्र में टीकाकरण नहीं करना चाहिए।

-रोग ग्रस्त क्षेत्र में पशुओं का आवागमन/परिवहन रोका जाना आवश्यक है।

-वर्तमान में रोग से बचाव हेतु गोट पॉक्स वैक्सीन को पशु चिकित्सा अधिकारियों के दिशा निर्देश अनुसार लगवाया जाए।

-रोगी मृत पशुओं का वैज्ञानिक पद्धति से निस्तारण किया जाना आवश्यक है।

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