जयपुर Abhayindia.com मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोयला संकट के बीच प्रदेश की सूरतगढ़, कालीसिंध एवं कोटा थर्मल की बंद इकाइयों में से कुछ में उत्पादन फिर से शुरू होने पर खुशी जताई और कहा कि आगामी त्यौहारी सीजन को देखते हुए प्रदेश में बिजली आपूर्ति सुचारू बनाए रखें एवं कोयले की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए केन्द्र सरकार से लगातार समन्वय स्थापित करें। गहलोत रविवार को मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित बैठक में प्रदेश में विद्युत आपूर्ति की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता को राहत देने के लिए राज्य सरकार ने अक्टूबर माह में 182 करोड़ रूपए की बिजली एक्सचेंज के तहत खरीदी है। कोल इण्डिया लिमिटेड की सब्सिडियरी कम्पनी एनसीएल एवं एसईसीएल से अभी भी प्रदेश को आवंटित 11 रैक में से औसतन प्रतिदिन 5-6 रैक ही कोयले की आपूर्ति हो रही है। इससे प्रदेश के थर्मल पावर प्लांट पूरी क्षमता के साथ विद्युत उत्पादन नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने अधिकारियों को केन्द्रीय कोयला मंत्रालय एवं ऊर्जा मंत्रालय से सम्पर्क स्थापित कर प्रदेश को कोयले की आपूर्ति बढ़ाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने पारसा कांटा कैप्टिव कोल ब्लॉक के द्वितीय चरण के 1136 हैक्टेयर में खनन शुरू करने के लिए केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय के क्लीयरेंस के लिए मंत्रालय से सम्पर्क स्थापित करने एवं क्लीयरेंस शीघ्र प्राप्त करने के भी निर्देश दिए। अधिकारियों ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री को पत्र लिखकर यह स्वीकृति जल्द से जल्द दिलाने का आग्रह किया गया है ताकि प्रदेश को आने वाले समय में जरूरत के मुताबिक कोयला मिल सके। बैठक में अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश को आवंटित कैप्टिव कोल माइन्स से अब बढ़कर 11 रैक प्रतिदिन कोयला प्राप्त हो रहा है। इससे पावर प्लांट संचालन में काफी सुविधा हुई है।
बैठक में अधिकारियों ने बताया कि कालीसिंध पावर प्लांट की 600 मेगावॉट क्षमता की बंद पड़ी इकाई फिर से शुरू हो गई है। इसके अलावा सूरतगढ़ सुपर क्रिटिकल प्लांट की 660 मेगावॉट की इकाई, कोटा थर्मल की 195 मेगावॉट एवं सूरतगढ़ ओएण्डएम 250 मेगावॉट क्षमता की इकाई में उत्पादन फिर से शुरू होने से पिछले कुछ दिनों में बिजली आपूर्ति में प्रदेश को काफी राहत मिली है। अधिकारियों ने बताया कि पहले प्रतिदिन 2600 लाख यूनिट की मांग थी, जो पिछले तीन दिन में घटकर 2400 लाख यूनिट तक आ गई है। इसके अलावा एक्सचेंज में मिल रही बिजली की दरें भी कम होने से प्रदेश में बिजली आपूर्ति में आ रही कठिनाइयां कम हुई हैं।
बैठक में ऊर्जा मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने कहा कि राज्य सरकार से हुए एग्रीमेंट के मुताबिक कोल इण्डिया लिमिटेड से कोयले की पर्याप्त आपूर्ति हो तो प्रदेश में बिजली उत्पादन में कोई कमी नहीं रहेगी। उन्होंने कहा कि अभी भी प्रतिदिन 5-6 रैक की आपूर्ति ही हो रही है। उन्होंने कहा कि बिजली उत्पादन बनाए रखने के लिए कोयले का पर्याप्त स्टॉक होना जरूरी है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ऊर्जा सुबोध अग्रवाल ने बताया कि तीन दिन तक दिल्ली में रहकर उन्होंने केन्द्रीय कोयला सचिव, केन्द्रीय ऊर्जा सचिव एवं केन्द्रीय पर्यावरण सचिव से मुलाकात कर प्रदेश के हित में कोयला आपूर्ति बढ़ाने एवं पर्यावरण क्लीयरेंस के सम्बन्ध में चर्चा की। डिस्कॉम्स के चेयरमैन भास्कर ए. सावंत ने बताया कि बिजली उत्पादन में कमी के कारण आमजन को राहत देने एवं मांग व आपूर्ति में संतुलन बनाए रखने के लिए 1 से 16 अक्टूबर के बीच 182 करोड़ रूपए की बिजली एक्सचेंज के तहत खरीदी गई। औसतन प्रतिदिन करीब 800 मेगावॉट बिजली खरीदी गई। उन्होंने बताया कि पूरे देश में बिजली की मांग में आई कमी के कारण वर्तमान में एक्सचेंज में बिजली खरीद की दर भी 5-6 रूपए प्रति यूनिट तक आ गई हैं। बैठक में मुख्य सचिव निरंजन आर्य, प्रमुख शासन सचिव वित्त अखिल अरोरा, राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम के सीएमडी आरके शर्मा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
मौसमी बीमारियों की रोकथाम में भी सहायता करेंगे कोविड स्वास्थ्य सहायक
जयपुर Abhayindia.com प्रदेश में नियोजित किए गए कोविड हैल्थ कंसल्टेंट एवं कोविड स्वास्थ्य सहायकों की सेवाएं डेंगू, स्क्रबटायफस, मलेरिया एवं अन्य मौसमी बीमारियों की रोकथाम में भी ली जाएंगी। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री अखिल अरोड़ा ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं। आदेशानुसार डेंगू, स्क्रबटायफस, मलेरिया एवं अन्य मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए संचालित किए जा रहे डोर टू डोर सर्वे, एन्टीलार्वा गतिविधियों और आई.ई.सी. गतिविधियों में रोगी भार के अनुरूप विभिन्न चिकित्सालयों में इनकी सेवाओं का उपयोग किया जा सकेगा। साथ ही, सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कोविड टीकाकरण में भी कोविड हैल्थ कंसल्टेंट एवं कोविड स्वास्थ्य सहायकों की सेवाओं को आवश्यकतानुसार लिया जाना सुनिश्चित करेंगे।
उल्लेखनीय है कि राज्य के सभी जिलों में कोविड हैल्थ कंसल्टेंट एवं कोविड स्वास्थ्य सहायकों का नियोजन किया गया है। इन सहायकों को असंचारी रोगों (एनसीडी) से संबंधित सर्वे एवं डोर टू डोर दवा वितरण के लिए भी कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं।
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