जयपुर Abhayindia.com मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की बजट घोषणा के अनुरूप अब चिरंजीवी योजना में ऑर्गन ट्रांसप्लांट, बोन मेरो ट्रांसप्लांट और कॉकलियर इंम्प्लांट जैसी बीमारियों के महंगे इलाज के पैकेजेज भी मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में जोड़ दिये गए हैं। इस संबंध में योजना के जुडे सभी अस्पतालों को विस्तृत गाइडलाइन जारी कर सॉफटवेयर में आवश्यक बदलाव कर दिए गए हैं।
चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि इन पैकेजेज के योजना में जुडने के बाद योजना का दायरा और ज्यादा व्यापक होगा तथा आमजन को ऐसी बीमारियों का महंगा इलाज भी निःशुल्क मिल पायेगा। उन्होंने कहा कि योजना के पैकेजेज में कॉकलेयर इम्प्लांट के 5, बॉन मेरो ट्रांसप्लांट के 9, लीवर ट्रांसप्लांट में 8, हार्ट ट्रांसप्लांट में 7 पैकेजेज जोडे गए हैं।
मीणा ने बताया कि योजना से जुड़े निजी अस्पताल अपने यहां इन पैकेजेज को जोडने के लिये ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। बजट घोषणा के अनुसार योजना के अन्तर्गत अब सालाना चिकित्सा बीमा राशि को भी 5 लाख रुपए से बढाकर 10 लाख रुपए कर दिये गए हैं। इसके साथ ही ऐसे असहाय और निराश्रित लोग जो योजना के पात्र लाभार्थी तो है परंतु योजना में रजिस्ट्रेशन नही हुआ है, उनको इलाज की आवश्यकता होने पर जिला कलक्टर की अनुशंषा पर योजना से जुडे निजी अस्पतालों में भी निःशुल्क इलाज मिल पायेगा। उन्होंने बताया कि इस संबंध में सॉफटवेयर में आवश्यक बदलाव किये गए है तथा जिला कलक्टर और संबंधित अधिकारियों, अस्पतालों को विस्तृत दिशा–निर्देश जारी किये गए है।
निःशुल्क श्रेणी के अलावा अन्य सभी परिवार जिनकी बीमा अवधि 30 अप्रेल को समाप्त हो रही है उन्हें 1 मई से पहले कराना होगा रजिस्ट्रेशन…
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि योजना के अन्तर्गत निःशुल्क श्रेणियों के अलावा अन्य सभी परिवार जिनकी योजना में बीमा अवधि 30 अप्रेल को समाप्त हो रही है वे सभी 1 मई से पहले 850 रूपये का आधा प्रीमियम जमा करवाकर अगले एक साल के लिये योजना में अपने परिवार का पंजीकरण करवा सकते हैं। योजना में कोई भी परिवार अपना रजिस्ट्रेशन नजदीकी ई–मित्र से अथवा स्वयं अपनी एसएसओ आईडी से करवा सकते हैं।
मीणा ने बताया कि 30 अप्रेल के बाद रजिस्ट्रेशन करवाने वाले परिवारों को योजना का लाभ तीन महीने बाद अगस्त माह से मिल पायेगा। गौरतलब है कि योजना से अब तक 11 लाख से अधिक लोगों को 1400 करोड रूपये से अधिक राशि का निःशुल्क उपचार प्रदान किया गया है। योजना से अब तक प्रदेश के 807 सरकारी तथा 755 निजी अस्पताल जुड चुके हैं।