बीकानेर abhayindia.com पंचायत चुनावों की घोषणा होने के साथ ही बीकानेर समेत समूचे संभाग में अफीम और डोडा पोस्त के तस्कर सक्रिय हो गये है। जानकारी में रहे कि पंचायत चुनावों में अफीम और डोडा-पोस्त की डिमांड बढ़ जाती है, इसलिए तस्कर यहां बड़ी खेप खपाने की तैयारी में है।
ऐसे में पुलिस व आबकारी सतर्क हो गई है। जानकारोंं की मानें तो बीकानेर में डोडा-पोस्त और अफीम की फलौदी से तस्करी होती है, फलौदी के तस्करों का बीकानेर के तस्करों से सीधा लिंक है, इसके अलावा जोधपुर, जैसलमेर और बाड़मेर से भी अफीम-डोडा पोस्त की तस्करी भी होती है। पंचायत चुनावों के लिये बड़े पैमाने पर अफीम और डोडा-पोस्त का स्टॉक किये जाने की खबर मिलने के बाद पुलिस भी तस्करों का नेटवर्क भेदने की तैयारी में जुट गई है।
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लेकिन मुखबिर तंत्र कमजोर होनेे के कारण अफीम-डोडा पोस्त के मुख्य सप्लायर हाथ नहीं लग रहे हैं, जिसके चलते तस्करों का यह नेटवर्क नहीं टूट रहा है। मादक पदार्थ तस्करों से जुड़े सूत्रों के अनुसार फलौदी के तस्कर बीकानेर के तस्करों के मार्फत ही पंजाब और हरियाणा में अफीम-डोडा पोस्त की सप्लाई करते है। चौंकाने वाली बात तो यह है कि मादक पदार्थ तस्करों के तार जिले के बॉर्डर इलाके में सक्रिय तस्करो से जुड़े हुए है।
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केन्द्र सरकार के आदेश पर राजस्थान में भले ही 30 मार्च 2016 से डोडा पोस्त के ठेके बंद कर दिए गए थे, लेकिन डोडा पोस्त की खपत कम होने के बजाय बढ़ती जा रही है। राज्य सरकार ने ठेके बंद करने से पहले नशे के आदी लोगों के लिए नशामुक्ति के कैंप लगाए थे, लेकिन मादक पदार्थों की बढ़ती तस्करी साबित करती है कि वो सारी कवायद बेअसर रहीं।