Friday, April 25, 2025
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बीकानेर : तो सैलानी कैसे पहुंचे कैमल फार्म, क्षतिग्रस्त सड़क पर मुश्किल है डगर, निदेशक ने लिखा महापौर को पत्र…

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बीकानेरAbhayindia.com अन्तरराष्ट्रीय पटल पर ख्यातिनाम बीकानेर के कैमल फार्म का भ्रमण करने के लिए दूर-दराज से सैलानी आते हैं। यहां ऊंटों पर चल रहे अनुसंधान से रूबरू होते हैं। लेेकिन कैमल फार्म तक आने-जाने वाले राहगीरों की डगर इन दिनों मुश्किल हो रही है। वहज है कि शिवबाड़ी से कैमल फार्म तक जाने वाली मुख्य सड़क। यह क्षतिग्रस्त रास्ता राहगीरों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। एक अर्से से इस सड़क में गड्ढ़े पड़े है। खासकर शिवबाड़ी तालाब के समीप इस रोड़ पर आए दिन सीवरेज जाम हो जाती है, बारिश आने पर यहां पानी एकत्रित हो जाता है और राहगीरों के लिए यह मार्ग बाधित हो जाता है।

निदेशक ने लिखा पत्र…

उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र के निदेशक आर्तबन्धु साहू ने इस संबंध में एक पत्र नगर निगम की महापौर सुशीला कंवर को लिखा है। इसके जरिए बताया गया है कि क्षतिग्रस्त सड़क के कारण आना-जाना दुभर हो गया है। कैमल फार्म ही नहीं, समीप में स्थित राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केन्द्र भी है, जहां सैकड़ों कार्मिक कार्यरत है। उन्हें रोजाना इस मार्ग से दो-चार होना पड़ता है। निदेशक ने शीघ्र ही इस उक्त सड़क की मरम्मत कराने की मांग महापौर से की है। ताकि देशी-विदेशी सैलानी, वैज्ञानिकों, विद्यार्थियों सहित आमजन को आने में परेशानी नहीं हो।

बीकानेर : जिले में गिर रहा है जल स्तर, टयूबवैल क्षेत्रों में 1200 से 1400 फीट तक पहुंचा…

बीकानेर Abhayindia.com जिले में भूमिगत जल स्तर लगातार गिरता जा रहा है। जानकारों के अनुसार जिले की बीकानेर, नोखा, कोलायत, श्रीडूंगरगढ़ तहसील के टयूबवैल क्षेत्र में भूमिगत जल स्तर 1200 से 1400 फीट तक पहुंच गया है, यह लगातार गिरता जा रहा है। नहरी क्षेत्र में जल की कमी हो रही है। इसको देखते हुए उपलब्ध जल के अधिकतम उपयोग एवं सिंचाई दक्षता बढ़ाने और ‘पर ड्रॉप मोर क्रॉप’ को ध्यान रखते हुए उद्यान विभाग की ओर से ड्रिप सिंचाई, मिनी फव्वारा व फव्वारा सिंचाई के लिए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत कृषकों को सूक्ष्म सिंचाई संयंत्र स्थापित करने के लिए अनुदान उपलब्ध करवाया जा रहा है।

शिविर का आयोजन…

उद्यानिकी विभाग के सहायक निदेशक जयदीप दोगने ने बताया कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की जानकारी किसानों को प्रदान करने व ऑनलाईन आवेदन की प्रकिया से अवगत करवाने के लिए किसान सेवा केन्द्र पंचायत समिति श्रीडूंगरगढ़, नोखा व खाजूवाला, में 11 अगस्त तथा किसान सेवा केन्द्र, पंचायत समिति बीकानेर, कोलायत व लूनकरणसर में 13 अगस्त को सहायक निदेशक, उद्यानिकी की ओर से शिविर का आयोजन किया जा रहा है।

ड्रिप संयंत्र के लिए दिया जाता है अनुदान…

दोगने ने बताया कि जिले में अनार, खजूर, किन्नू, बेर आदि फलदार बगीचों की स्थापना व सब्जी की खेती में सिंचाई के लिए ड्रिप संयंत्र पर अनुदान दिया जा रहा है। इसी प्रकार वर्तमान में जिले में बीटी कपास का क्षेत्र भी प्रति वर्ष बढ़ रहा है। बीटी कपास में सिंचाई के लिए यदि किसान ड्रिप संयंत्र लगाता है तो पानी की बचत के साथ ही फसल हेतु आवश्यक घुलनशील उर्वरक भी ड्रिप के माध्यम से फसल की जड़ों तक पहुंचाए जा सकते हैं। इससे मानव श्रम के साथ जल व उर्वरक की बचत तो होती ही है। साथ ही फसल में कीट व रोगों का प्रकोप कम होता है व खेत में खरपतवार भी नहीं होती है। मिनीस्प्रिंकलर के माध्यम से मूंगफली, गेहूं, चना, मेथी, जीरा आदि फसलों में आसानी से सिंचाई की जा सकती है। इस प्रकार श्रम व आदानों की लागत में कमी कर तथा जल बचत के माध्यम से कृषक अपनी खेती को सतत बना सकता है

सूक्ष्म सिंचाई के हैं कई फायदे…

दोगने ने बताया कि इससे कम पानी से अधिक क्षेत्र में सिंचाई व फसल पैदावार में बढ़ोतरी एवं उत्पाद की गुणवत्ता में वृद्धि होती है। असमतल भूमि पर भी आसानी से सिंचाई की जा सकती है। उर्वरकों का दक्षतापूर्वक उपयोग होता है, जिससे उर्वरकों पर आने वाली लागत में कमी आती है। खरपतवारों का प्रकोप कम होता है तथा फसल की उत्पादन लागत में कमी आती है।

ई मित्र से करना होगा आवेदन…

सहायक निदेशक ने बताया कि सूक्ष्म सिचाई अनुदान योजना का लाभ लेने की लिए कृषक द्वारा ई-मित्र के माध्यम से राजकिसान पोर्टल पर 15 अगस्त तक आवेदन करना होगा। आवेदन के लिए जमाबंदी, नक्शा, गिरदावरी (जो छ: माह से अधिक पुरानी न हो), खाते का बैंक विवरण, आधार कार्ड, जनआधार कार्ड, सादे कागज पर शपथ पत्र व संबधित विक्रेता या निर्माता का कोटेशन, पानी-मिट्टी की जांच रिपोर्ट, सिंचाई हेतु उर्जा स्त्रोत यथा बिजली का बिल, सोलर या डीजल इंजन का बिल तथा ड्रिप व मिनि स्प्रिंकलर संयंत्र हेतु संयंत्र का डिजाइन ऑनलाईन आवेदन के साथ लगाना होगा।

मिलेगा इतना अनुदान…

दोगने ने बताया कि उद्यान विभाग द्वारा निर्धारित की गई ईकाई लागत का सामान्य श्रेणी के कृषकों को 50 प्रतिशत व लघु व सीमान्त श्रेणी के कृषकों को 70 प्रतिशत तक अनुदान देय है। अनुदान राशि का भुगतान कृषक के नाम से दिए गए बैंक में विवरण के अनुसार कृषक के खाते में किया जाएगा। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा ज्यादा से ज्यादा कृषकों को जल बचत की जानकारी देते हुए, मिनिस्प्रिंकलर लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, जिससे जिले में जल के अतिदोहन को रोका जा सकेगा। साथ ही उपलब्ध सिंचाई जल का समुचित उपयोग कर फल, सब्जी व फसलों का प्रति ईकाई उत्पादन बढाने के साथ कृषकों की आय में भी वृद्धि हो।

बीकानेर : कानासर वितरिका का जिला कलक्टर ने किया निरीक्षण, दिए निर्देश…

बीकानेर Abhayindia.com जिला कलक्टर नमित मेहता ने शनिवार को आईजीएनपी की कानासर वितरिका और जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के शोभासर स्थित रॉ वाटर रिजर्व वायर का निरीक्षण किया। पन्नालाल बारूपाल लिफ्ट कैनाल के पांचवे पम्पिंग स्टेशन से 36 किलोमीटर लंबी वितरिका द्वारा शोभासर जलाशय के माध्यम से बीकानेर शहर को पेयजल एवं 9 डिच माइनर के माध्यम से सिचाई के लिए पानी उपलब्ध करवाया जाता है।

आईजीएनपी के अधीक्षण अभियंता विवेक गोयल ने वितरिका की कार्यप्रणाली और जल वितरण प्रक्रिया के बारे में बताया। अधिशाषी अभियन्ता राजकुमार यादव ने बताया कि पूरे वर्ष चलने वाली इस नहर से सिचाई पानी की चोरी नहीं हो, इसके मद्देनजर विभाग द्वारा प्रभावी पेट्रोलिंग की जाती है।

पुलिस की स्थायी नियुक्ति हो…

अभियंता ने यहां पुलिस के जवानों को स्थाई रूप से नियुक्त करने की आवश्यकता जताई। जिला कलक्टर ने कहा कि विभागीय अधिकारी नहरी क्षेत्र के नियमित दौरे करें तथा किसानों की वाजिब समस्याओं का प्राथमिकता से समाधान करने का प्रयास करें। उन्होंने शोभासर के रॉ वाटर रिजर्व वायर में पानी की उपलब्धता एवं इसके वितरण के बारे में जाना। उन्होंने जलाशय परिसर के बाहर कीकर कटवाने और रोड लाइट चालू करवाने के निर्देश दिए। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के कनिष्ठ अभियन्ता अंकुर ने बताया कि शनिवार को जलाशय में 3.3/5.5 मीटर पानी उपलब्ध था, जो शहर में 10 दिन की सप्लाई के लिए पर्याप्त है। इस दौरान उन्होंने जलाशय की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया तथा ग्रामीणों की समस्याएं सुनी।

प्रदेश : वन धन योजना में उभरते राज्य का प्रथम पुरस्कार, ट्राईफेड के स्थापना दिवस पर केंद्रीय जनजाति मंत्री ने दिया पुरस्कार…

जयपुर Abhayindia.com भारतीय जनजाति सहकारी विपणन विकास संघ लिमिटेड (ट्राईफेड) के 34वें स्थापना दिवस पर 6 अगस्त को नई दिल्ली में केन्द्रीय जनजाति मंत्री अर्जुन मुण्डा की ओर से राष्ट्रीय स्तर पर 28 राज्यों एवं 5 केन्द्र शासित प्रदेशों में ट्राईफेड की ओर से संचालित विभिन्न योजनाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए पुरस्कृत किया गया।

इस अवसर पर जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग के प्रमुख शासन सचिव शिखर अग्रवाल तथा जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग की आयुक्त प्रज्ञा केवलरमानी के कुशल नेतृत्व एवं उल्लेखनीय योगदान के फलस्वरूप राजस्थान को वन धन योजनान्तर्गत उभरते हुए राज्य का प्रथम पुरस्कार प्राप्त हुआ है। यह पुरस्कार राजस्थान द्वारा वन धन योजना के द्वितीय चरण में एक साथ 290 वन धन विकास केन्द्र गठित किए जाने के लिए दिया गया। राजस्थान को वन धन योजना में ही अधिकतम 104 उत्पाद तैयार कर विपणन किए जाने के लिए देश में तृतीय स्थान प्राप्त हुआ।

राष्ट्रीय स्तर पर राजस्थान के 6 जनजाति स्वंय सहायता समूहों को ट्राईबल टैक्सटाईल, मेटल क्राफ्ट, ट्राईबल पेंटिंग, टेराकोटा एवं स्टोन पोट्री एवं उपहार सामग्री तैयार किये जाने के लिए विभिन्न स्तरों पर पुरस्कृत किया गया। इसी क्रम में ट्राईफेड की ओर से राज्य स्तर पर 7 वन धन विकास केन्द्रों को 5 विभिन्न श्रेणियों में 15 पुरस्कार प्रदान किए गए।

अग्रवाल ने योजना से जुड़े हुए समस्त जिला, ब्लॉक एवं फील्ड स्तर के अधिकारियों, कार्मिकों तथा एजेन्सियों को उनके परिश्रम एवं सतत प्रयासों के लिए इस अवसर पर बधाई दी।

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