बीकानेर abhayindia.com सार्दुल स्पोर्ट्स स्कूल के प्ले ग्राउंड पर दौड़ते बच्चे शारीरिक बनावट में भले सामान्य बच्चों से अलग नजर आते हों, परन्तु उनका हौंसला इन बच्चों में कूट-कूट कर भरी प्रतिभा का जीता जागता प्रदर्शन था। मंगलवार को सार्दुल स्पोर्ट्स स्कूल में प्रारम्भ हुई जिला स्तरीय खेल कूद प्रतियोगिता में भागीदारी निभाते बच्चों का हौंसला देख जिला कलक्टर कुमार पाल गौतम इनकी सराहना करने से खुद को नहीं रोक पाए। उन्होंने कहा कि इन बच्चों का जुझारूपन और हौंसला किसी दूसरे बच्चे से कम नहीं है।
गौतम ने कहा कि समाज की नैतिक जिम्मेदारी है कि इन बच्चों को मुख्यधारा से जोडऩे के लिए सार्थक प्रयास किए जाए। बच्चे अपनी मेहनत से खेल और शिक्षा दोनों क्षेत्रों में महारत हासिल करते हुए अच्छी परफार्मेस दें तथा अपने परिवार, समाज और देश का नाम रोशन करें। गौतम ने कहा कि समाज को सदैव इन बच्चों को बराबरी का दर्जा देना चाहिए। इसी प्रयास के तहत नवाचार के रूप में जिला स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है।
इस प्रतियोगिता का उददेश्य बच्चों को यह महसूस करवाना है कि ये भी समाज के जरूरी और अभिन्न हिस्सा है। इनका उत्थान सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। इन प्रतियोगिताओं के जरिए बच्चों में एक नया आत्मविश्वास पैदा होगा और यह आत्मविश्वास तथा अनुशासन बच्चों को जीवन में सफल होने का आधार बन सकेगा।
खेलकूद प्रतियोगिता में 50 मीटर की दौड़ में दिव्यांग जनों के साथ जिला कलक्टर कुमार पाल गौतम भी दौड़े और बच्चों की हौसला अफजाई की। गौतम ने अंतिम बच्चे के साथ बराबर दौड़ते हुए उसे मंजिल तक पहुंचाया और बच्चे की हौसला अफजाई की। गौतम भले ही 50 मीटर की दौड़ में सबसे पीछे पहुंचे मगर उपस्थित दिव्यांगजन और आम लोगों के बीच उनके इस व्यवहार ने उन्हें पहले स्थान पर ला दिया।