Thursday, February 6, 2025
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भाटी की ‘काळ चिड़ी, शंकरसिंह के ‘मोबाइल’, मोनिका की ‘देस नैं ऐ बेच खावैला’ने मचाया धमाल…

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बीकानेर abhayindia.com जोधपुर के मेहरानगढ़ फोर्ट में पिछले तेरह वर्ष से आयोजित ‘राजस्थान इंटरनेशनल फॉक फेस्टीवल’ में पहली बार राजस्थानी भाषा और उसकी आधुनिक कविता को संगीत से जोड़े जाने के विषय में सेशन रखा गया। इसमें राजस्थानी के वरिष्ठ कवि डॉ. आईदानसिंह भाटी (जोधपुर), शंकरसिंह राजपुरोहित (आऊवा) और बीकानेर की कवयित्री मोनिका गौड़ ने शिरकत की।

डॉ. आईदान सिंह भाटी की वर्तमान सामाजिक और राजनीतिक विसंगतियों को उकेरती कविता ‘काळ चिड़ी, कबडाळ चिड़ी’, शंकरसिंह राजपुरोहित की धमाल ‘मोबाइल’ और ‘जबरौ जोधाणौ’ तथा मोनिका गौड़ की रचना ‘देस नैं ऐ बेच खावैला’ को लंगा और मांगणियार कलाकारों ने संगीतबद्ध किया।

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इस अवसर पर राजस्थानी भाषा की समृद्धि और विकास के साथ इसकी संवैधानिक मान्यता के विषय में भी चर्चा की गई। राजस्थानी के इन साहित्यकारों ने अपनी बात विस्तार से रखी। उपस्थित श्रोताओं में अधिकांश विदेशी पर्यटक थे, जिन्हें राजस्थानी भाषा का ओज-तेज समझाने के लिए अनुवादकों ने अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस इंटरनेशनल फॉक फेस्टीवल में करीब 180 प्रतिभागी लोकसंगीत कलाकार और साहित्यकार हिस्सा ले रहे हैं। सत्र का संचालन मुंबई की अंकिता शाह और रमनीक सिंह ने किया।

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