जयपुर Abhayindia.com राजस्थान के 7 विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव के लिए प्रचार-प्रसार कार्य सोमवार 11 नवम्बर शाम 6 बजे से थम गया है। इन क्षेत्रों में मतदान बुधवार 13 नवम्बर को होगा। इसके साथ ही किसी भी चुनावी रैली, रोड शो और चुनावी सभा आदि प्रचार अभियानों के आयोजन पर प्रतिबन्ध लागू हो गया है। इस अवधि में टीवी चैनल, मोबाइल एसएमएस, रिकार्डेड कॉल, अन्य इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और सिनेमा हाल पर चुनावी प्रचार-प्रसार से सम्बंधित विज्ञापन भी बंद रहेंगे।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन ने बताया कि विधानसभा उपचुनाव-2024 के लिए मतदान के अंतिम 48 घंटे के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126 के अनुसार, निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान समाप्त होने से 48 घंटे पहले ‘साइलेंस पीरियड’ के दौरान प्रत्याशी और उनके समर्थक केवल घर-घर जाकर मतदाताओं से अपने पक्ष में मतदान के लिए आग्रह कर सकते हैं। प्रतिबंध की अवधि 11 नवम्बर शाम 6 बजे से आरंभ होकर मतदान समाप्ति के समय 13 नवम्बर को शाम 6 बजे तक प्रभावी रहेगी।
महाजन के अनुसार, विधानसभा उपचुनाव के लिए ‘एग्जिट पोल’ के प्रसारण पर भी प्रतिबन्ध लागू हो गया है, जो महाराष्ट्र और झारखण्ड विधानसभा आम चुनाव-2024 सहित अन्य राज्यों में उपचुनाव के अन्तिम चरण की मतदान की अवधि समाप्त होने के बाद 20 नवम्बर शाम 6:30 बजे तक प्रभावी रहेगा।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि ‘साइलेंस पीरियड’ के 48 घंटों की अवधि के दौरान
1. निर्वाचन के संबंध में कोई भी प्रत्याशी, राजनैतिक दल अथवा व्यक्ति सार्वजनिक सभा या जुलूस न बुलाएगा, न आयोजित करेगा, न उसमें उपस्थित होगा, न उसमें सम्मिलित होगा और न ही उसे संबोधित करेगा।
2. चलचित्र, टेलीविजन या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, रिकार्डेड फोन कॉल या मोबाइल संदेश सहित अन्य माध्यमों के द्वारा जनता के समक्ष किसी निर्वाचन संबंधी बात का संप्रदर्शन नहीं किया जाएगा।
3. कोई संगीत समारोह या कोई नाट्य अभिनय या कोई अन्य मनोरंजन या आमोद-प्रमोद कार्यक्रम आमजन को उसके प्रति आकर्षित करने की दृष्टि से आयोजित करके या उसके आयोजन की व्यवस्था करके, लोगों के समक्ष किसी निर्वाचन संबंधी बात का प्रचार नहीं किया जाएगा। यदि कोई व्यक्ति इन उपबंधों का उल्लंघन करता है, तो दो वर्ष तक कारावास या जुर्माना या दोनों सजा हो सकती हैं।
4. भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार, कोई भी राजनैतिक व्यक्ति, जो उस निर्वाचन क्षेत्र का मतदाता या अभ्यर्थी नहीं है, अथवा सांसद या विधायक नहीं है, वह साइलेंस पीरियड की अवधि में चुनाव प्रचार समाप्त होने के पश्चात् उस निर्वाचन क्षेत्र में नहीं ठहर सकता है।
5. राज्य की सुरक्षा कवच प्राप्त राजनैतिक व्यक्ति (अभ्यर्थी से भिन्न) यदि निर्वाचन क्षेत्र में मतदाता है, तो वह अपने मताधिकार का उपयोग करने के बाद क्षेत्र में आवाजाही नहीं करेगा।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी के अनुसार, आयोग ने निर्वाचन मशीनरी, प्रशासन एवं पुलिस अधिकारियों को इन निर्देशों की पालना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं. इस अवधि में यदि सामुदायिक केंद्रों, धर्मशालाओं आदि, जहां पर बाहरी व्यक्तियों को ठहराया जाता है, उनकी निगरानी करने, गेस्ट हाऊस, लॉज, होटलों में ठहरने वाले व्यक्तियों की जानकारी अथवा सत्यापन करने, बाहर से आने वाले वाहनों पर निगरानी रखने और इसके लिए चेक पोस्ट स्थापित करने और उनकी पहचान क्या है, सत्यापन करने की कार्यवाही भी की जाएगी।